उत्तराखण्ड

उच्च न्यायालय ने मन्दिर के समीप मलबा निस्तारण पर लगाई रोक

चमोली : दशोली ब्लाक के हाट गांव में जल विद्युत परियोजना की ओर से किये जा रहे मलबा निस्तारण पर उच्च न्यायालय नैनीताल में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय ने यह आदेश हाट के ग्राम प्रधान राजेन्द्र हटवाल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

बता दें, टीएचडीसी की ओर से निर्माणाधीन विष्णुप्रयाग-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना के निर्माण से निकल रहे मलबे का निस्तारण गांव के पौराणिक मंदिरों के आसपास किया जा रहा है। जिसे देखते हुए ग्राम प्रधान राजेन्द्र हटवाल और ग्रामीणों ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर डंपिंग जोन को हटाने व हाट गांव को दोबारा मूल स्थान पर पुनर्वास करने के लिए दायर की थी।

राजेन्द्र हटवाल ने बताया कि हाट गांव को आठवीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा बसाया गया था। गांव में स्थित प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर के साथ ही अन्य मंदिर समूह स्वयं आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित किए गए थे। जिसे देखते हुए ग्रामीण इस पौराणिक सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिये परियोजना का विरोध करते आ रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण उच्च न्यायालय के आदेश के बाद खुश हैं।

 

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