Uttarakhand SI recruitment scam: उत्तराखंड दरोगा भर्ती घोटाला मामले में बड़ी कार्यवाही हुई है। मामले में 20 संदिग्ध सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। हालांकि इस बात की आशंका है कि, आने वाले दिनों में कुछ और संदिग्ध दरोगा भी निलंबित हो सकते हैं। फिलहाल विजिलेंस साक्ष्य सबूत एकत्र कर विवेचना में जुटी है।
उत्तराखण्ड अपराध एवं कानून व्यवस्था के अपर पुलिस महानिदेशक (ADG Crime and Law and Order) वी. मुरूगेशन ने बताया कि, वर्ष 2015-16 उपनिरीक्षक सीधी भर्ती में अनियमित्ता होने की जांच विजिलेंस द्वारा की जा रही है। विजिलेंस ने अभी तक की जांच पर प्रेषित रिपोर्ट के क्रम में 20 उपनिरीक्षक संदिग्ध पाए गए, जिन्हें जांच पूरी होने तक निलंबित किया गया है। इस बाबत सम्बन्धित जनपद प्रभारियों को निर्देशित कर दिया गया है।
देखिए पूरी सूची:
उप निरीक्षक | नियुक्ति जनपद |
दीपक कौशिक | ऊधम सिंह नगर |
अर्जुन सिंह | ऊधम सिंह नगर |
बीना पपोला | ऊधम सिंह नगर |
जगत सिंह शाही | ऊधम सिंह नगर |
हरीश महर | ऊधम सिंह नगर |
लोकेश | ऊधम सिंह नगर |
संतोषी | ऊधम सिंह नगर |
नीरज चौहान | नैनीताल |
आरती पोखरियाल | नैनीताल |
प्रेमा कोरंगा | नैनीताल |
भावना बिष्ट | नैनीताल |
ओमबीर | देहरादून |
प्रवेश रावत | देहरादून |
राज नारायण व्यास | देहरादून |
जैनेंद्र राणा | देहरादून |
निखिलेश बिष्ट | देहरादून |
पुष्पेंद्र | पौड़ी गढ़वाल |
गगन मैठाणी | चमोली |
तेज कुमार | चंपावत |
मोहित सिंह रौथाण | पी. सी. एसडीआरएफ |
उत्तराखंड पुलिस दरोगा भर्ती 2015 घोटाले मामले में 08 साल की नौकरी के बाद 20 दरोगा सस्पेंड। pic.twitter.com/sHDVvZXSkI
— BharatJan भारतजन (@bharat_jan) January 16, 2023
बता दें कि, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) भर्ती पेपर लीक जांच के बाद गिरफ्तार किए गए नकल माफिया से एसटीएफ को पूछताछ में वर्ष 2015-16 की दारोगा भर्ती में भी नकल की बात होने की जानकारी मिली थी। जिसकी जांच वर्तमान में विजिलेंस कर रही है। अभी तक की जांच पड़ताल में 40 से अधिक दारोगा पर परीक्षा में धांधली कर नियुक्ति पाने का आरोप है। विजिलेंस अभी कई साक्ष्य सबूत एकत्र कर विवेचना में जुटी है।
करीब 08 साल पहले हुई दारोगा के 339 पदों पर सीधी भर्ती की परीक्षा की जिम्मेदारी गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय पंतनगर को दी गई थी। उस दौरान भी भर्ती में घपले के आरोप लगे थे, लेकिन सरकार की ओर से जांच न कराने के कारण मामला दब गया।