गुजरात में उत्तराखंड के किसानों के 13 सदस्यीय दल ने डेयरी कृषि और मधुमक्खी पालन की बारीकियां जानी
देहरादून/अहमदाबाद। उत्तराखंड सहकारिता विभाग के प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन के माध्यम से हिमाचल और गुजरात राज्य के अध्ययन भ्रमण पर 13-13 सदस्य किसानों का दल पांच दिवसीय अध्ययन पर है। गुजरात में इन दिनों उत्तराखंड की टोपी का जलवा दिखाई दे रहा है।
अध्ययन भ्रमण के प्रथम दिवस गुजरात राज्य के सुरेंद्र नगर जनपद में मेमका पैक्स समिति का भ्रमण किया गया। उसके पश्चात खेतों में कपास जीरा की खेती की बारीकियां को जाना। सुरेंद्रनगर में कपास फैक्ट्री में भी किसानों के अध्ययन दल ने भ्रमण किया। अध्ययन भ्रमण के दूसरे दिन जनपद आणंद में अमूल मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट में भ्रमण किया गया। यहां किस प्रकार 36 लाख किसानों से दूध इकट्ठा कर प्रोसेसिंग किया जाता है। अमूल बटर का किस प्रकार उत्पादन किया जाता है। किसानों के दल के द्वारा अमूल मिल्क यूनिट में स्थलीय भ्रमण कर जानकारी ली गई।
इस अवसर पर अमूल मिल्क के प्रतिनिधियों द्वारा किसानों को अमूल मिल्क के इतिहास से लेकर सभी गतिविधियों से अवगत कराया गया । अमूल मिल्क के पश्चात आनंद कृषि विश्वविद्यालय में बीज मधुमक्खी पालन और औषधीय और शगंध पादप के बारे में जानकारी ली गई।
इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के द्वारा के द्वारा किसानों को जानकारी दी गई। अगले दो दिन किसानों के द्वारा सहकारिता से संबंधित अन्य संस्थाओं का भी भ्रमण किया जाएगा। गुजरात अध्ययन भ्रमण में सहकारिता विभाग से अधिकारी भी इस दल के साथ गए हैं। सभी किसानों के द्वारा उत्तराखंड की पारंपरिक टोपी पहनकर अध्ययन भ्रमण किया जा रहा है। उत्तराखंड की टोपी सभी संस्थाओं में कर्मचारी और किसानों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
आजकल विश्व भर में आणंद (Amul) दूध और दूध से बने उत्पादों की बड़ी संगठन है। जिसकी मशहूरी उसके एकीकरण के कारण हो गई है। अमूल के पीछे 36 लाख किसानों का समूह खड़ा है, जो देश के विभिन्न हिस्सों से दूध इकट्ठा करके अमूल प्रोसेसिंग यूनिट में भेजते हैं। आणंद दूध संघ भारतीय किसानों का एक महत्वपूर्ण संगठन है, जो 1946 में स्थापित हुआ था। अमूल का मुख्यालय गुजरात राज्य के आनंद नगर में स्थित है। दूध और दूध से बने उत्पादों की प्रमुख ब्राण्ड के रूप में अमूल का मान्यता सम्मान भारतीय बाजार में है।
उत्तराखंड से गये 13 किसानों ने अमूल दूध प्रोसेसिंग यूनिट की प्रक्रिया को देखने के बाद इसे एक उन्नत और दक्ष उद्योग बताया। अध्ययन भ्रमण में जनपद रुद्रप्रयाग से वीरेंद्र रावत,प्रभाकर भाकुनी अल्मोड़ा, जगदीश चंद्र चंपावत, ओम प्रकाश लखेड़ा देहरादून, सुशील चौधरी हरिद्वार, मोहन सिंह मेहरा नैनीताल, राम सिंह पौड़ी, दुर्गा सिंह पिथौरागढ़, दलवीर सिंह चौहान उत्तरकाशी, सहकारिता विभागीय अधिकारी दान सिंह नपच्याल सहायक निबंधक सुधीर सिंह लोहानी आदि शामिल है।