उत्तराखण्ड

रेशम फेडरेशन अब बांज आधारित टसर रेशम कोया भी खरीदेगा : आलोक पांडेय

उत्तराखंड रेशम फेडरेशन प्रशासक ने किया सिल्क पार्क का निरीक्षण

फेडरेशन करेगा 200 लाभार्थियों के साथ कंप्लीट वैल्यू चैन पर कार्य फार्म टू फेब्रिक परियोजना का होगा संचालन, स्थापित होगी तसर प्रोसेसिंग इकाई

देहरादून। निबंधक सहकारी समितियां आलोक कुमार पाण्डेय द्वारा उत्तराखण्ड रेशम फेडरेशन प्रशासक पद का कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त पहली बार प्रेमनगर-देहरादून स्थिति सिल्क पार्क भवन में फेडरेशन के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ  समीक्षा बैठक की गई। उन्होंने सिल्क पार्क भवन में चल रहे जीर्णोद्धार कार्य का निरीक्षण भी किया। 

समीक्षा बैठक में प्रशासक द्वारा फेडरेशन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि गतिविधियों के प्रसार एवं खासकर विपणन को और अधिक प्रभावी करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें। रेशम फेडरेशन द्वारा ग्रोथ सेन्टर सेलाकुई में रेशम धागाकरण इकाई के उत्पादित हो रहे रेशमी धागे का पूर्ण उपयोग फेडरेशन द्वारा बुनाई उत्पादों खासकर रेशम की साड़ियों/सूट एवं फेब्रिक हेतु किये जाने का प्रयास किया जाये। जिससे फेडरेशन की आय में वृद्धि होगी एवं स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के साधन सृजित होंगे।

बैठक में निबंधक द्वारा प्रदेश में पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादित किये जा रहे टसर रेशम कोया को उत्पादकों से क्रय करने हेतु भी निर्देशित किया गया। उक्त कोये की प्रोसेसिंग हेतु टसर रीलिंग/स्पन इकाई की आवश्यकतानुसार स्थापना की कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।

बैठक में प्रबंध निदेशक आनंद शुक्ला द्वारा  प्रशासक यूसीआरएफ के संज्ञान में लाया गया कि फेडरेशन द्वारा केन्द्रीय रेशम बोर्ड के सहयोग से सिल्क समग्र योजना के तहत जनपद हरिद्वार में 100 एवं देहरादून में 100 लाभार्थियों के साथ एक कम्प्लीट वैल्यू चैन के तहत फार्म टू फेब्रिक कांसेप्ट पर कार्य किया जायेगा।

जिसके लिए हरिद्वार मे 100 लाभार्थियों का चयन किया जा चुका है। देहरादून में उक्त योजना के लाभार्थियों का चयन किया गया है। इस योजना में फेडरेशन द्वारा चयनित लाभार्थियों से शहतूत वृक्षारोपण से लेकर कोया उत्पादन, विपणन, प्रोसेसिंग एवं फाइनल उत्पाद बनाकर उसका विक्रय किया जायेगा। उक्त योजना में चयनित लाभार्थियों को उपकरण, कीटपालन भवन आदि हेतु सहायता भारत सरकार के माध्यम से उपलब्ध कराई जायेगी।

प्रशासक द्वारा बैठक के बाद सिल्क पार्क भवन में चल रहे भवन नवीनीकरण कार्य का निरीक्षण गया,  प्रबंध निदेशक आन्नद शुक्ला ने निबंधक/ प्रशासक को अवगत कराया कि उक्त भवन अभी कुछ समय पूर्व ही फेडरेशन को हस्तान्तरित किया गया।

भवन का व्यावसायिक सुदृढ़़ीकरण करने के उपरान्त सिल्क पार्क भवन से फेडरेशन को अच्छी खासी आय प्राप्त होगी, जिस पर प्रशासक द्वारा सिल्क पार्क भवन के सौदर्यकरण हेतु कुछ सुझाव दिये गये।

सिल्क पार्क भवन के बाद निबंधक, सहकारी समितियां/ प्रशासक द्वारा ग्रोथ सेन्टर सेलाकुई में फेडरेशन की ‘‘कम्प्लीट वैल्यू चैन‘‘ का अवलोकन किया गया जिसमें रेशम धागाकरण इकाई, पारम्परिक रुप से संचालित कटघाई में धागे की कताई, इलेैक्ट्रानिक जैकार्डयुक्त पावर लूम में साड़ियों का उत्पादन प्रक्रिया का अवलोकन करने के बाद निबंधक सहकारित द्वारा छरबा में टीएमआर यूनिट एवं सहसपुर के शकंरपुर में साईलेज प्लांट का निरीक्षण किया गया। निबंधक सहकारिता द्वारा टीएमआर इकाई में निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने हेतु निर्माण एजेंसी को निर्देश देने का कहा गया है।

साईलेज प्लान्ट के निरीक्षण के उपरान्त निबंधक द्वारा साईलेज प्लान्ट की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त किया गया।  निबंधक  द्वारा बताया गया कि उक्त दोनों इकाईयो का लोकार्पण जनवरी के अन्तिम सप्ताह में किया जायेगा। इसलिये उक्त कार्य समयबद्ध ढंग से पूर्ण किये जायें। इस अवसर पर प्रदीप कुमार, प्रबंधक  मातबर कण्डारी, प्रशासनिक अधिकारी विनोद कुमार, दर्शन सिंह, टैक्स इंजी अंकित खाती, लेखाकार अनिल डोभाल, टीएमआर/साईलेज के महाप्रबंधक भारत सिंह आदि मौजूद रहे।

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