संवाददाता
चमोली, 15 नवंबर।
विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो जाएंगी। जिसके तहत कल से भगवान श्री बदरीनाथ की पंच पूजाएं शुरू हो जायेंगी। इन पंच पूजाओं के बाद आगामी 20 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो जाएंगे।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि मंगलवार से भगवान बदरीविशाल की पंच पूजाएं शुरू हो जायेगी। 16 नवंबर को श्री गणेश भगवान की पूजा एवं कपाट बंद होंगे। 17 नवंबर श्री आदि केदारेश्वर जी के कपाट बंद हो जायेंगे। 18 नवंबर को ऽड़ग पुस्तक पूजन होगा। इस दिन से वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जायेगा। 19 नवंबर को मां लक्ष्मी जी की पूजा एवं आह्नान होगा। 20 नवंबर को शाम 6 बजकर 45 मिनट पर श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।
कपाट बंद होने के बाद 21 नवंबर को प्रातः आदि गुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी रावल सहित श्री उद्धव जी, श्री कुबेर योग-ध्यान बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेंगे। श्री उद्धव एवं श्री कुबेर योग-ध्यान बदरी पांडुकेश्वर में विराजमान हो जायेंगे। 22 नवंबर को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी एवं रावल जी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगे। योग बदरी पांडुकेश्वर एवं श्री नृसिंह बदरी जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेंगी।
ऋषिकेश स्थित चारधाम यात्र बस टर्मिनल पर सभी विभागों यथा चिकित्सा, पुलिस, परिवहन, यात्र प्रशासन संगठन, पर्यटन, देवस्थानम बोर्ड, नगर निगम के हेल्प डेस्क/ यात्री पूछताछ काउंटर अभी भी कार्यरत हैं। हरिद्वार एवं ऋषिकेश यात्र बस अड्डे से तीर्थयात्री श्री बदरीनाथ धाम रवाना हो रहे है।
श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी उत्सव मूर्ति 6 नवंबर को कपाट बंद होने के बाद 8 नवंबर को पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में स्थापित होते ही भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हुई। कपाट बंद होने के बाद परंपरागत रूप श्री गंगोत्री धाम की शीतकालीन पूजाएं गद्दीस्थल मुऽबा ( मुखीमठ) तथा श्री यमुना जी की शीतकालीन पूजाएं खरसाली (मुखीमठ) में संपन्न हो रही हैं। उत्तराऽंड चारधाम श्री बदरीनाथ, श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री, श्री यमुनोत्री में कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन गद्दी स्थलों में छह माह तक शीतकालीन पूजाएं होती हैं। बदरीनाथ धाम में अब तक चार लाख 85 हजार से अधिक तीर्थयात्री उत्तराखंड चारधाम दर्शन को पहुंच गये हैं। द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर जी के कपाट 22 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद होंगे 25 नवंबर को मदमहेश्वर मेला आयोजित होगा।