चमोली : जिले की उर्गम घाटी के बड़गिंडा गांव के 44 परिवारों में लंबे समय से पुनर्वास न होने से नाराजगी बनी हुई है। प्रशासन और शासन की ओर कोई कार्रवाई न होने से मायूस ग्रामणी अब आंदोलन का मन बना रहे हैं।
उर्गम के जिला पंचायत सदस्य सूरज कुमार शैलानी व ग्राम प्रधान मिंकल देवी का कहना है कि 2013 की आपदा में उर्गम घाटी के तल्ला बडगिंडा तोक में भूस्खलन शुरू हो गया था। जिसके बाद से यँहा निवास करने वाले 44 परिवारों के पुनर्वास को लेकर बात की जा रही है। लेकिन नौ वर्ष बाद भी मामले में कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं हो सकी है। बताया कि दो वर्षों से गांव में पैदा हुए खतरे को देखते हुए यँहा ग्रामीण गांव के विश्वकर्मा मन्दिर में रह रहे हैं। लेकिन प्रशासन की ओर से प्रभावितों को राहत देने के लिये कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन के इस लापवाह रवैये के चलते ग्रामीण अब आंदोलन करने का मन बना रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है, यदि मामले में शीघ्र कार्रवाई नहीं होती तो वे आमरण अनशन शुरू कर देंगे। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य सूरज कुमार शैलानी, प्रधान मिंकल देवी, सुमित्रा देवी, बुद्धि लाल, महेंद्र, रमेश लाल आदि शामिल थे।