देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को “स्वच्छ उत्सव-2025” का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना की। साथ ही उन्होंने प्रदेशवासियों को भगवान विश्वकर्मा जयंती की बधाई भी दी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वयं झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया और आमजन से इस अभियान से जुड़ने की अपील की। उन्होंने जानकारी दी कि 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में सेवा एवं स्वच्छता से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी, साथ ही स्वच्छता की शपथ भी दिलाई और पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने स्वच्छता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और सफाई कार्य में जुटे पर्यावरण मित्रों को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में स्वच्छता अभियान ने नई ऊंचाइयां हासिल की हैं और “स्वच्छ उत्सव-2025” इसी दिशा में एक और मजबूत कदम है। यह अभियान सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ भारत का वचन है।
शौचालय निर्माण और स्वच्छता रैंकिंग में हुई प्रगति
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक छह लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है, जिससे शौचालय विहीन परिवारों को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने बताया कि हाल ही में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में नगर निगम देहरादून को देशभर में 19वां स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि स्वच्छता रैंकिंग में 62वां स्थान मिला है, जो कि पिछले वर्षों की तुलना में एक बड़ी उपलब्धि है।
स्वच्छता सुधार की दिशा में नगर निगम देहरादून ने स्वच्छता कंट्रोल रूम की स्थापना की है, जहां सफाई से संबंधित समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा रहा है। कूड़ा प्रबंधन, सीसीटीवी निगरानी और नियमित सफाई व्यवस्था के जरिए शहर को साफ-सुथरा बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
स्वच्छता को जीवनशैली का हिस्सा बनाएं
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि स्वच्छता केवल सरकारी प्रयास नहीं, बल्कि हमारे संस्कार और जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे अपने घर, गली, मोहल्ले और शहर को साफ रखने की जिम्मेदारी स्वयं उठाएं।
उन्होंने ‘‘एक पेड़ माँ के नाम’’ अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि पौधारोपण न केवल पर्यावरण संरक्षण का माध्यम है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन की नींव भी है।