उत्तराखण्ड स्वास्थ्य एवं सुंदरता

दस साल की बालिका में इडियोपैथिक थ्रोम्बोसाईटोपीनिक परप्यूरा रोग की पुष्टि

श्रीनगर। राजकीय मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय में रूद्रप्रयाग जिले से एक दस वर्षीय बालिका इलाज के लिए आई, जिसके शरीर में चकत्ते और पेशाब में खून आने की शिकायत थी। जो विगत पांच साल से परेशान थी और विभिन्न बीमारियों को लेकर दवा खाने के बाद भी ठीक नहीं हो पा रही थी।

https://doondiary.com/wp-admin/post.php?post=9076&action=edit

पैथोलॉजी विभाग ने बोन मैरो की गहन जांच कर रोग की पुष्टि की 

पैथोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने बालिका की बीमारी का पता करने के लिए बोन मैरो की गहना से जांच की, जिसमें डॉक्टरों ने पाया कि बालिका को इडियोपैथिक थ्रोम्बोसाईटोपीनिक परप्यूरा (आईटीपी) रोग है। यह रोग खून में होने वाला एक विकार (डिसऑर्डर) है।

मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय में विगत सात अगस्त को रूद्रप्रयाग जिले के जखोली क्षेत्र की एक दस वर्षीय बालिका बाल रोग विभाग में इलाज के लिए पहुंची थी। जिसके शरीर पर चकत्ते और हाल में ही पेसाब में खून आने की शिकायत बताई गई थी। जबकि शरीर में चकत्ते होने की शिकायत परिजनों द्वारा विगत पांच साल से होना बताया गया।

https://doondiary.com/wp-admin/post.php?post=11977&action=edit

बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. व्यास राठौर द्वारा बालिका पर रोग की पुष्टि के लिए बोन मैरो जांच के कहा गया। जिसके बाद बालिका पर रोग की पुष्टि के लिए पैथालॉजी विभाग की एचओडी डॉ. गजाला रिजवी के निर्देशन में विभाग के एसो. प्रोफेसर डॉ. सचान भट, डॉ. पवन भट, असि. प्रोफेसर डॉ. सृजन श्रीवास्वत द्वारा बोन मैरो के जरिए जांच का फैसला लिया।

https://www.bhaskar.com/news/banpur-defeats-makunda-bhandara-in-girl39s-title-032142-2867886.html

जांच में डॉक्टरों ने पाया कि बालिका पर एक दुलर्भ रोग आईटीपी (immune thrombocytopenic purpura) है। पैथोलॉजी विभाग के असि. प्रोफेसर डॉ. सृजन ने बताया कि बालिका पर रोग की पुष्टि होने के बाद अब इलाज संभव हो पायेगा। इससे पूर्व बालिका को रोग की जानकारी ना होने से ठीक करन के लिए कई प्रकार की दवाईयां खा चुकी थी, यहां तक कि दिल्ली सहित अन्य अस्पतालों में इलाज के लिए जा पहुंची है।

बेस चिकित्सालय में जांच के बाद बालिका के रोग की पुष्टि होने के बाद अब इलाज संभव हो पायेगा। इसके साथ ही क्या-क्या सावधानियां बरतनी होगी, इसकी जानकारी मिल पायेगी।  बाल रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. व्यास राठौर के नेतृत्व में बालिका का इलाज चल रहा है।

https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/moradabad/green-meadows-in-boys-category-st-meera-topper-in-girls-moradabad-news-c-15-1-mbd1044-211943-2023-08-02

बेहतर मशीनें मिलने के बाद जांच हुई संभव, रोग की पुष्टि

बेस अस्पताल में प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की पहल पर जांच संबंधी अत्याधुनिक मशीनें आने के बाद यहां हर जांच संभव हो पायी है। पैथोलॉजी विभाग में बेहतर जांच मशीनें आने के बाद पैथोलॉजी विभाग में बोन मैरो की जांच सौ रूपये में होती है और आयुष्मान के जरिए नि:शुल्क होती है। जबकि अन्य संस्थानों में यह जांच 10-20 हजार रूपये के बीच होती है। पैथोलॉजी विभाग में एमडी कोर्स भी संचालित हो रहा है। जिसमें दो सत्र चल रहे है। जिसमें आठ छात्र अध्ययनरत हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share