उत्तराखण्ड

बाडाहाट में मतदान से दो दिन पहले निर्दलीय प्रत्याशी के घोषणा पत्र पर विवाद, वर्ग विशेष को तव्वजो देने का आरोप

उत्तरकाशी। बाबा विश्वनाथ की नगरी बाडाहाट में एक प्रत्याशी ने मतदान से दो दिन पहले घोषणा पत्र जारी कर विवाद खड़ा कर दिया। घोषणा पत्र में वर्ग विशेष के शुभ अंक का उल्लेख कर धार्मिक नगरी में वर्ग विशेष को तव्वजो देने की नई बहस छेड़ दी है। इस बिन्दु को जहां भाजपा ने मुद्दा बनाकर गेंद जनता के पाले में डाल दी है, वहीं, निर्दलीय प्रत्याशी ने इस मांग को जरूरी बताया है।

नगर पालिका परिषद बाडाहाट (उत्तरकाशी) को धार्मिक नगरी घोषित करने को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने मुद्दा बना रखा है। लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी ने बाबा विश्वनाथ की धरती में वर्ग विशेष के शुभ अंक को अपने घोषणा पत्र में शामिल कर नई बहस छेड़ दी है। खासकर निर्दलीय ने वर्ग विशेष के शुभ अंक को वाल्मिकी समुदाय के साथ जोड़ दिया है। निर्दलीय प्रत्याशी के घोषणा पत्र को पढ़ने के दौरान वाल्मिकी समाज को वर्ग विशेष के अंक के साथ शामिल कर दिया है। इसके पीछे उत्तरकाशी में वर्ग विशेष के वोटों को लुभाने के लिए वाल्मिकी समाज से आने वाले सफाईकर्मियों को 786 रूपए का दैनिक मानदेय देने की घोषणा इस घोषणा पत्र में किये जाने की चर्चा है।

गौरतलब है कि, 786 नंबर इस्लामिक धार्मिक संकेत माना जाता है। अक्सर धर्म विशेष के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर यह नंबर अंकित होता है। ऐसे में वाल्मिकी समाज के लोगों को 786 रूपए का मानदेय देने की घोषणा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस पर दिनभर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। लोगों का कहना है कि मानदेय 750 रूपए भी हो सकता था या 800 रूपए भी, जिसका महीने के हिसाब से एक निश्चित रकम बनती है लेकिन 786 रूपए क्या संकेत है? वहीं मस्जिद विवाद के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के इस घोषणा पत्र को धर्म विशेष के वोट बटोरने को लेकर भी देखा जा रहा है कि, यह जानबूझकर किया गया है।

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