उत्तराखण्ड स्वास्थ्य एवं सुंदरता

चिकित्सकों ने नेत्रदान के लिये लोगों को किया जागरुक

  • राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े के तहत स्वास्थ्य विभाग ने आयोजित की कार्यशाला

चमोली: स्वास्थ्य विभाग ने जिला चिकित्सालय में गुरुवार को राष्ट्रीय नेत्र दान पखवाड़े के तहत कार्यशाला का आयोजन किया।
कार्यशाला के दौरान नेत्र शल्यक डा निर्मल प्रसाद ने बताया कि कोई भी व्यक्ति अपनी मृत्यु के बाद ही नेत्रदान कर सकता है। कार्निया को मृत्यु के एक घण्टे भीतर निकाला जाना चाहिए। बताया कि नेत्र निकालने में केवल दस से पन्द्रह मिनट लगते है तथा चेहरे पर कोई निशान व विकृति नहीं होती है। कहा कि मोतियाबिंद से पीड़ित, मधुमेह, उच्च रक्तचाप या अस्थमा से पीड़ित रोगी भी नेत्रदान कर सकता है।
वहीं प्रभारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा एमएस खाती ने कहा कि दृष्टि हानि को नेत्रदान से उपचारित किया जा सकता है। मृत्यु के बाद नेत्रदान करने वाले व्यक्ति के कार्निया को दृष्टिबाधित व्यक्ति को प्रत्यारोपित कर उसे दृष्टि दी जा सकती है। इस मौके पर डा एलसीपुनेठा, डा शिखा भट्ट, अनूप राणा, प्रवीण बहुगुणा व उदय सिंह आदि मौजूद थे।

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