उत्तराखण्ड

मैक्स अस्पताल देहरादून के डॉक्टर्स ने अनियंत्रित अस्थमा को लेकर लोगों को किया जागरुक

सहारनपुर: विश्व अस्थमा दिवस के मौके पर मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, देहरादून ने पंजाब एसोसिएशन देहरादून के साथ मिलकर 4 मई को किशनपुरी क्षेत्र में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को अनियंत्रित अस्थमा के बारे में जागरूक करना, इसके जोखिमों की जानकारी देना और इलाज के सही तरीके बताना था।

इस कार्यक्रम में डॉ. विवेक कुमार वर्मा, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, पल्मोनोलॉजी, मैक्स अस्पताल देहरादून ने लोगों को अस्थमा के बारे में जानकारी दी, जिसमें पंजाब एसोसिएशन के सदस्य और आसपास की रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी (RWA) के लोग शामिल हुए।

डॉ. विवेक कुमार वर्मा, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, पल्मोनोलॉजी, मैक्स अस्पताल देहरादून ने बताया, “अस्थमा एक (क्रॉनिक)लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है। अगर इसे ठीक से कंट्रोल न किया जाए और बार-बार लक्षण दिखाई दें, तो इसे “अनियंत्रित अस्थमा” कहा जाता है। ऐसे में मरीजों को बार-बार खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न और घरघराहट जैसे लक्षण होते हैं। यह नींद, दैनिक कार्य और रोज़मर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर सकता है और समय पर इलाज न होने पर यह जानलेवा भी हो सकता है।”

डॉ. वर्मा ने बताया कि, “अनियंत्रित अस्थमा का मुख्य कारण इनहेलर या दवाओं का सही तरीके से इस्तेमाल न करना हो सकता है। इसके अलावा धूल, धुआं, परागकण (फूलों से उड़ने वाले कण ), पालतू जानवरों के बाल और ठंडी हवा के ज्यादा संपर्क में रहने से भी अस्थमा अनियंत्रित हो जाता है। इसके अलावा स्ट्रेस, नींद की कमी, एलर्जी, साइनस या मोटापे जैसी दूसरी बीमारियां और डॉक्टर से नियमित जांच न कराना भी अस्थमा को बढ़ा सकता है।”

डॉ. वर्मा ने लोगों से अपील की कि वे अस्थमा के शुरुआती लक्षणों को हल्के में न लें और समय पर अपने डॉक्टर से सलाह लें। अनियंत्रित अस्थमा से बचने के लिए धुआं, धूल और प्रदूषण से बचें, जिसके लिए मास्क पहन कर ही घर से बाहर निकलें, जितना हो सके पालतू जानवरों से दूरी बनाएं रखें। साफ और धुएं से मुक्त वातावरण अस्थमा को कंट्रोल में रखने में बहुत मदद करता है, इसलिए अपने आस – पास के पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने में योगदान दें।

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