चमोली : जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मन्दिर परिसर में जल्द पेयजल की सुचारु आपूति की आस जग गयी है। ऐसे में मंदिर परिसर में पेयजल की आपूर्ति न होने के चलते हक-हकूकधारी और श्रद्धालुओं को यहां 1 किमी दूर स्थित एक मात्र प्राकृतिक जल स्रोत से पानी ढोना पड़ रहा है। वहीं स्रोत की सीमित क्षमता के चलते मंदिर में अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने पर यहां पेयजल की आपूर्ति के लिये हक-हकूकधारियों व श्रद्धालुओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिसे देखते हुए पेयजल निर्माण निगम ने वर्ष 2011 में रुद्रनाथ मंदिर पेयजल योजना का निर्माण प्रस्तावित किया था। लेकिन मंदिर के संरक्षित वन क्षेत्र में होने से नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड की स्वीकृति न मिलने के चलते योजना का निर्माण शुरु नहीं हो पाया था। ऐसे में अब नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड से स्वीकृति मिलने के बाद रुद्रनाथ की प्रस्तातिव पेयजल योजना के निर्माण की आस जग गई है।
रुद्रनाथ मंदिर परिसर में पेयजल की सुचारु आपूर्ति के लिये 35 लाख की लागत से 3 किमी की पेयजल योजना का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। जिसके निर्माण के लिये नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड से निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हो गई है। वहीं वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया गतिमान है। वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूर्ण होते ही यहां पेयजल योजना निर्माण की प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी।
वीके जैन अधिशासी अभियंता, पेयजल निर्माण निगम, चमोली।