रूडकी: प्राचीन काल से ही समाज के उत्थान में शिक्षक की अहम भूमिका रही हैं. समाज के निर्माण में शिक्षक का एक बड़ा योगदान होता है. वैसे तो बच्चों की योग्यताओं, क्षमताओं का पता लगाना, उसकी रुचियों व अभिरुचियों को जानना, उसके व्यक्तित्व को पहचानना, उसके गुणों और कमियों को जानना और उनके आधार पर उसकी अध्ययन योग्यताओं का अनुमान करके सही दिशा-निर्देश देना, शिक्षक का आधारभूत काम है. आज हम ऐसे ही एक शिक्षिका की बात कर रहे हैं जोकि अपने पढ़ाने के तरीके से बच्चों की सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका के रूप में जानी जाती हैं. हम बात कर रहे हैं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बुडपुर जट्ट विकासखंड नारसन जनपद हरिद्वार में तैनात प्रभारी प्रधानाध्यापिका असमा सुबहानी की.
आपको बताते चले कि शिक्षिका असमा सुबहानी वैसे तो विज्ञान विषय की शिक्षिका हैं. लेकिन उनकी रूचि कविता लेखन एवं पेंटिंग ड्राइंग में विशेष रूप से रही हैं. शिक्षिका असमा सुबहानी का बच्चों के प्रति समर्पण ऐसा है कि वह प्रतिदिन शिक्षण अधिगम के लिए नए नए ऐसे तरीके खोजती है कि जिससे बच्चे ज्यादा से ज्यादा सीख सकें. उनके द्वारा शिक्षण में नवाचारों का प्रयोग करना, जैसे विज्ञान और गणित जैसे बोझिल लगने वाले विषयों को सरल कविताओं के माध्यम से समझाना. उनका मानना है कि एक शिक्षक को बच्चों को समझाने के उन्हें अपने लेवल पर लाने के लिए पहले खुद को उनके लेवल तक ले जाना चाहिए. हम बच्चे को समझने के बाद ही उसे समझा सकते हैं. कविता एवं ड्राइंग के जरिये छात्रों को जटिल अवधारणाओं को आसानी से समझने में मदद मिलती हैं. जिस कारण उसे बेहतर तरीके से याद रखने में मदद मिलती है.
शिक्षिका असमा सुबहानी ने विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के लिए एक नये नवाचार की भी शुरुआत की थी. जिसमें उन्होंने KBC की तर्ज पर विज्ञान की ABC की शुरुआत की. जिस्मने उनके द्वारा बच्चों को कुछ प्रश्न दिए जाते हैं जिसमें एक बच्चा एंकर बनता है तो दूसरा प्रतिभागी एवं ऑडियंस के रूप में भी क्लास के बच्चे होते हैं. इस पहल का असर इतना हुआ कि खेल – खेल में बच्चे विज्ञान को आसानी से समझ कर उसको याद भी करने लगे. विज्ञान की ABC से बच्चों में जागरूकता के साथ इस तरह विज्ञान को समझने की रूचि बढ़ी और विज्ञान उनको कठिन की जगह सबसे आसान विषय लगने लगा. इसके साथ ही शिक्षिका असमा सुबहानी के द्वारा विद्यालय गीत की रचना की गई थी. जिसको बच्चों द्वारा गाया जाता हैं.
प्रभारी प्रधानाध्यापिका असमा सुबहानी को जिलाधिकारी हरिद्वार ने बेस्ट टीचर के लिए चयनित किया गया था. इसके अलावा उपनिदेशक शिक्षा विभाग आकाश सारस्वत द्वारा भी उन्हें संवेदशील शिक्षिका पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया हैं. तत्कालीन उप शिक्षा अधिकारी नारसन बृजपाल सिंह राठौर के द्वारा भी उन्हें टीचर ऑफ द मंथ का पुरस्कार दिया. 02 साल पहले जनपद लेवल पर उत्कृष्ट शिक्षकों की सूची में भी चयनित रही हैं.
शिक्षिका असमा सुबहानी का कविताओं एवं ड्राइंग के जरिये जटिल विषयों को आसान भाषा में पढ़ाना एक नवाचारी तरीका है जो विद्यार्थियों को जटिल विषयों को समझने में मदद करता है. क्योंकि कविताओं एवं ड्राइंग का उपयोग करके जटिल विषयों को सरल और आकर्षक बना सकते हैं. कविताएं जटिल विषयों को सरल और समझने योग्य बनाती हैं। कविताएं छात्रों को आकर्षित करती हैं और उन्हें विषय में रुचि लेने के लिए प्रेरित करती हैं. कविताएं बच्चों को विज्ञान एवं गणित विषय को याद रखने में मदद करती हैं. ड्राइंग छात्रों को विषय को दृश्य रूप में समझने में मदद करती है. ड्राइंग छात्रों को आकर्षित करती हैं और उन्हें विषय में रुचि लेने के लिए प्रेरित करती है. ड्राइंग छात्रों को विषय को याद रखने में मदद करती है. कविता एवं ड्राइंग छात्रों के साथ भावनात्मक जुड़ाव बनाती हैं और उन्हें विषय से जुड़ने में मदद करती है.