उत्तराखण्ड

प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति द्वारा फीस निर्धारण के बाद छात्र-छात्राओं का कॉलेज गेट पर प्रदर्शन गैरकानूनी: एसजीआरआर

  • असमाजिक तत्व आदेश की गलत व्याख्या करके माहौल को खराब कराने की कोशिश में लगे: 
  • संवैधानिक संस्था द्वारा फीस निर्धारण के बाद छात्रों का फीस भुगतान से इनकार गैरकानूनी: 

देहरादून: वर्ष 2017-18 में काउंसलिंग के दौरान एमबीबीएस की फीस निर्धारित नहीं थी। इस कारण तत्कालीन अपर मुख्य सचिव उत्तराखण्ड ने इस आशय का एक पत्र जारी किया था और उल्लेख किया था कि छात्र-छात्राओं द्वारा जो फीस उस समय दी जा रही है वह एक प्रोविजलन व्यवस्था है। इस बात की जानकारी होते हुए मेडिकल छात्र-छात्राओं ने श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हेल्थ साइंसेज़ में प्रवेश लेने के दौरान 100 रुपये के स्टॉम्प पेपर पर यह घोषणा की थी कि, उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश पर राज्य में प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति द्वारा जो भी फीस निर्धारित की जाएगी, छात्र-छात्राएं उस फीस का भुगतान करेंगे।

श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी भूपेन्द्र रतूड़ी ने जानकारी देते हुए बताया कि, अब प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति द्वारा फीस निर्धारित किए जाने के बाद छात्र-छात्राओं को कानूनी रूप से फीस का भुगतान करना होगा। यदि वह फीस का भुगतान करने से मना कर रहे हैं तो यह गैरकानूनी है। उत्तराखण्ड सरकार लंबे समय से पहाड़ांें में डॉक्टरों की संख्या को बढ़ाने के लिए प्रयत्नशील है लेकिन डॉक्टर निर्धारित बॉड की शर्तों का अनुपालन न कर बॉन्ड की शर्तों का उल्लंघन कर राज्य छोड़कर चले जा रहे हैं। यही कारण है कि पहाड़ में डॉक्टरी की कमी की समस्या बनी हुई है। राज्य में ब्रांड की धनराशि को एक करोड़ रुपये से भी अधिक कर दिया गया है ताकि पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जा सके।

सर्वोच्च न्यायाल के निर्देशन पर राज्य में प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति का गठन हुआ। मेडिकल कॉलेजों में फीस निर्धारण के लिए राज्य में प्रवेश एवम् शुल्क नियामक समिति एक अधिकृत समिति है। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद निर्धारित फीस का भुगतान छात्र-छात्राओं को करना चाहिए। प्राचार्य, एसजीआरआर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज ने छात्र-छात्राओं को आश्वस्त किया है कि यदि कोई छात्र-छात्रा गरीब परिवार से है तो उन्हें नियमानुसार फीस में रियायत दी जा सकती है। इसके अलावा यदि कोई छात्र-छात्रा निर्धारित फीस का भुगतान किश्तों में करना चाहता है तो मेडिकल कॉेलेज उसके लिए भी व्यवस्था बना रहा है। कोई भी छात्र असंवैधानिक कदम न उठाए, शान्ति व्यवस्था बाधित न करे। सभी छात्र-छात्राएं हमारे अपने विद्यार्थी हैं। मेडिकल कॉलेज छात्र-छात्राओं की पूरी पूरी मदद करेगा।

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