चमोली: बद्रीनाथ धाम में बुधवार को हर्ष और उल्लास के साथ माता मूर्ति मेले का आयोजन किया गया। इस दौरान भगवान नारायण पूरे दिन माणा गांव स्थित माता मूर्ति मंदिर में माता के सानिध्य में रहे। इस दौरान यहां रावल ईश्वर प्रसाद नम्बूदरी ने भगवान नारायण की विशेष पूजा-अर्चना कर मध्याहन का भोग लगाया। इस दौरान बुधवार को 10 बजे से 3 बजे तक बदरीनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिये बंद रहे।
बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि भगवान बद्री विशाल तपस्या के लिए बद्रीनाथ धाम पहुंचे तो उनकी माता मूर्ति भी बद्रीनाथ धाम पहुंची भगवान नारायण जब तपस्या करने लगे तो तपस्या में ध्यान नहीं लगा माता की सेवा करने का मन होता रहा भगवान नारायण ने अपनी माता मूर्ति को माणा गांव के पास एक स्थान पर रुकने और विराजमान होने कहा और प्रत्येक वर्ष एक दिन मिलने का वादा किया नारायण ने माता से कहा बामन द्वादशी के दिन मैं अपने भक्तों यहीं पर दर्शन दूंगा और यहीं पर आपकी दिन भर सेवा करूंगा। भगवान नारायण के स्वागत के लिए भारत के अंतिम गांव माणा की महिलाएं हरियाली हाथों में लेकर पहुंचती है और भगवान नारायण का स्वागत करती है इस दौरान बद्रीनाथ धाम के धर्म अधिकारी बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल जी घोड़े की सवारी करके माता मूर्ति मेले पहुंचते हैं माता मूर्ति मेले में उत्तराखंड के लोक गायक किशन महिपाल भी पहुंचे जहां उन्होंने भगवान बद्रीविशाल के गीत गाए। इस मौके पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, अपर धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, प्रवेश डिमरी, भाष्कर डिमरी, रविंद्र भट्ट, नितिन सेमवाल, पीताम्बर मोल्फा सहित आईटीबीपी, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान मौजूद थे।