देहरादून: विश्व किड़नी दिवस पर मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने क्रॉनिक किडनी डिजीज़ (CKD) के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इसके लक्षण, बचाव व उपचार के बारे में विस्तार से बताया। यह पहल अस्पताल द्वारा बढ़ती किडनी समस्याओं सेनिपटने व लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के बारे में जागरुक करने के लिएचलाई गई है।
डॉ. मनीष शर्मा, कंसल्टेंट, नेफ्रोलॉजी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने इसके लक्षणों के बारे में बात करते हुए बताया कि आमतौर पर क्रॉनिक किडनी डिजीज़ के लक्षण बहुत ही धीरे-धीरे विकसित होते हैं।सामान्य लक्षणों में शरीर में सूजन, पेशाब की मात्रा में कमी, पेशाब में खून आना, लगातार कमजोरी महसूस होना, उच्च रक्तचाप ( खासतौर पर युवा मरीजों में ) और बार-बार पेशाब आना शामिल हैं, जैसे – जैसे किडनी की कार्यक्षमता घटती है, शरीर में मेटाबॉलिक विषाक्त पदार्थ जमा होने लगता है, जिससे थकान, मानसिक सतर्कता में कमी और भूख न लगने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बढ़ती क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) के साथ मरीजों को सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है। गंभीर मामलों में, CKD से शरीर में आसानी से चोट लगना, लंबे समय तक खून बहना और प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
डॉ. शर्मा, ने बताया कि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और जिन लोगों के परिवार में पहले से किडनी रोग के मामले रहे हैं, उनमें क्रॉनिक किडनी डिजीज़ (CKD) विकसित होने की संभावना अधिक होती है। इससे बचने के लिए नियमित टेस्ट कराने चाहिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, जिसमें संतुलित आहार और नियमित व्यायाम शामिल हो। दर्द निवारक दवाओं और बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयों के अधिक सेवन से बचें, क्योंकि यह किडनी को नुकसान पहुँचा सकती हैं।पर्याप्त पानी पिएं और नमक का सेवन सीमित करें ताकि किडनी स्वस्थ बनी रहे। उन्होंनेबताया कि यदि किसी को यह बीमारी हो जाती है तो इसका इलाज दवाएँ, डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के जरिए किया जाता है।
मैक्स हॉस्पिटल, देहरादून, मरीजों को क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) को प्रभावी रूप से उपचार करने और उनकी जीवन गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए नेफ्रोलॉजी के विशेषज्ञों की देखभाल और उन्नत उपचार सुविधाएं प्रदान करता है।