उत्तराखण्ड

जोशीमठ में एनडीआरएफ तैनाती के निर्देश

देहरादून/ जोशीमठ। जोशीमठ पर छाये संकट पर अब पूरा सरकारी तंत्र सक्रिय हो गया है। आज गढ़वाल आयुक्त, सचिव आपदा प्रबंधन समेत पूरी टीम ने जोशीमठ के प्रभावित वार्डों का दौरान किया। इस दौरान जोशीमठ नगर में भू-धंसाव की बढ़ती समस्या को देखते हुए गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार ने जोशीमठ में एनडीआरएफ दल की तैनाती के निर्देश दिए हैं।

आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा कि जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के कारणों की जांच की जा रही है। टीम हर नजरिए से समस्या का आंकलन किया जा रहा है। घरों में दरारें चिन्ताजनक है। अभी तत्कालिक रूप से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना हमारी प्राथमिकता है। स्थायी रूप से जो भी निर्माण कार्य हो सकते हैं, उसका प्लान तैयार किया जाएगा। ड्रेनेज सिस्टम पर जल्दी ही कार्य शुरू होने वाला है। साथ ही सभी घरों को सीवर से कनेक्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मा. मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप जोशीमठ शहर में भूधंसाव की समस्या को रोकने के लिए टीम प्रत्येक नजरिए से जांच कर रही है।

टीम ने जोशीमठ के सुनील गांव, मनोहर बाग, सिंग्धार, जेपी, मारवाड़ी, विष्णु प्रयाग, रविग्राम, गांधीनगर आदि प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया। साथ ही तपोवन पहुंच कर एनटीपीसी टनल अंदर एवं बाहर संचालित कार्यो का जायजा भी लिया। निरीक्षण के दौरान गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रन्जीत कुमार सिन्हा, आपदा प्रबंधन के अधिशासी अधिकारी पीयूष रौतेला, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट रोहितास मिश्रा, भूस्खलन न्यूनीकरण केन्द्र के वैज्ञानिक सांतुन सरकार, आईआईटी रूडकी के प्रोफेसर डा.बीके माहेश्वरी, सीडीओ डा.ललित नारायण मिश्र, एडीएम डा. अभिषेक त्रिपाठी, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी, तहसीलदार रवि शाह आदि मौजूद थे।

प्रभावित क्षेत्र के आसपास भी हो सर्वे

जोशीमठ में हुए भू कटाव से चिंतित लोगों ने जोशीमठ नगर के आसपास के क्षेत्रों में भी गहनता से सर्वेक्षण किए जाने की मांग की है। प्रभावित सूरज का कहना है कि जोशीमठ के आसपास वाले क्षेत्रों में भी सर्वेक्षण किया जाना चाहिए ताकि वहां प्रभावितों के रहने की उचित व्यवस्था की जा सके। उन्होंने कहा कि जोशीमठ के आसपास जो सुरक्षित स्थान बचे हैं उनकी भी भूगर्भ जांच व भार क्षमता की जांच होनी चाहिए।

 

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