देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस की निवर्तमान प्रदेश प्रवक्ता डॉ प्रतिमा सिंह ने मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए सामूहिक बलात्कार और उन्हें नग्न घुमाए जाने की घटना पर रोष जाहिर किया है।
उन्होंने कहा कि जिस देश में हम नारी को पूजते हैं नवरात्रों में देवी की स्थापना करते हैं। उस देश में महिलाओं का इतना शोषण ह्रदय को झकझोर कर रख देता है, मन में रोष है। आंखों में आसूं आ गए महिलाओं की ऐसी स्थिति देखकर, परंतु देश के प्रधान सेवक इस जघन्य अपराध पर मौन है। ये प्रमाण है कि उनके लिए सत्ता पर काबिज रहना महिलाओं की अस्मिता से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ महज एक दिखावा है असलियत इससे परे है। मणिपुर में भाजपा की सरकार है। वहां हिंसा और अराजकता इस हद तक बढ़ गई जिसने मानवता तक को शर्मसार कर दिया पर अभी तक किसी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। भारत का संविधान कहता है कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वो अपने नागरिकों की रक्षा और सुरक्षा करे और अगर वो ऐसा नहीं करती तो उसे सत्ता पे काबिज रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, परंतु महिलाओं के साथ हैवानियत का वीडियो आने के बाद भी गृह मंत्री अमित शाह ने अभी तक कोई भी बैठक नही ली।
राष्ट्रपति जो खुद एक महिला हैं वो भी खामोश हैं, राज्यपाल मौन है, मुख्यमंत्री खामोश हैं। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए, इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वालों को फांसी की सजा होनी चाहिए एवं हिंसा की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए क्योंकि कई सिसकती महिलाएं अभी भी हैं जिन्होंने अपनी अस्मिता खोई है और न्याय की उम्मीद में हैं। राजनीति से परे कार्यवाही होनी चाहिए।