उत्तराखण्ड

श्री केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद

मुख्यमंत्री धामी ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों का आभार जताया।

• प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा प्रदेश सरकार के प्रयासों से केदारनाथ यात्रा में रिकार्ड श्रद्धालु पहुंचे।
• श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह सहित अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

केदारनाथ। आज भैया दूज के पावन अवसर पर बृहस्पतिवार प्रात: 8 बजकर 30 मिनट पर ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये है। इस अवसर पर ढाई हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने।


आज प्रात: तीन बजे केदारनाथ मंदिर खुल गया चार बजे से कपाट बंद करने की समाधि पूजन प्रक्रिया शुरू हो गयी। पुजारी टी गंगाधर लिंग ने भगवान केदारनाथ के स्यंभू ज्योर्तिलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि रूप दिया गया ज्योर्तिलिंग को बाघंबर, भृंगराज फूल,भस्म, स्थानीय शुष्क फूलों- पत्तों, आदि से ढ़क दिया गया।इसके साथ ही भकुंट भैरव नाथ के आव्हान के साथ ही गर्भगृह तथा मुख्य द्वार को जिला प्रशासन की मौजूदगी में बंद किया गया। इसके साथ ही पूरब द्वार को भी सीलबंद किया गया।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों का आभार जताया। कहा कि इस बार चारधाम यात्रा रिकार्ड पैंतालीस लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में नयी केदार पुरी अस्तित्व में आ चुकी है जहां तीर्थयात्रियों को हर संभव सुविधाएं मुहैया हो रही है। गौरीकुंड- केदारनाथ रोप वे के बनने से केदारनाथ यात्रा अधिक सुगम हो जायेगी।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हो रही है।तथा केदारनाथ धाम में भी रिकार्ड श्रद्धालु पहुंचे।

इस अवसर पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, पंकज मोदी, मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, जिला प्रशासन पुलिस के अधिकारी, केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव/ मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, यात्रा मजिस्ट्रेट गोपाल राम बिनवाल, तहसीलदार दीवान सिंह राणा कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माधिकारी औंकार शुक्ला, केदारनाथ सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, आदि मौजूद रहे।

इस अवसर पर सेना की 11 मराठा लाईट इ़फ्रंट्री रूद्रप्रयाग के बैंड की भक्तिमय धुनों तथा बाबा केदार की जय उदघोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान रहा। मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि सामूहिक सहयोग समन्वय से यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हुआ है। उन्होंने पर्यटन विभाग, धर्मस्व विभाग, प्रदेश सूचना विभाग, मीडिया जगत के सभी समाचार पत्रों के सम्मानित प्रतिनिधियों, न्यूज चैनलों,चिकित्सा विभाग,सेना आईटीबीपी,सभी जिला प्रशासन, जिला पुलिस प्रशासन,आपदा प्रबंधन एसडीआरएफ, सीमा सड़क संगठन, पीडब्ल्यूडी, परिवहन, विद्युत,संचार, पेयजल, खाद्य आपूर्ति, जिला पंचायत, स्थानीय निकायों, श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति, श्री गंगोत्री मंदिर समिति, श्री यमुनोत्री मंदिर समिति, श्री हेमकुंट साहिब गुरुद्वारा ट्रस्ट, तीर्थ पुरोहित समाज,निजी वाहन कंपनियों, सुलभ इंटरनेशनल सहित यात्रा व्यवस्था से जुड़े सभी एजेंसियों तथा यात्रा प्रशासन संगठन का आभार व्यक्त किया। कहा कि
1561882 (पंद्रह लाख एकसठ हजार आठ सौ बयासी) तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये है।

कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान हुई। आज पंचमुखी डोली प्रथम पड़ाल राम पुर पहुंचेगी। कल 28 अक्टूबर शुक्रवार को देवडोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी प्रवास करेगी तथा 29 अक्टूबर शनिवारको श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।
इसी के साथ इस वर्ष श्री केदारनाथ यात्रा का समापन हो जायेगा तथा पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेगी।
इस यात्रा वर्ष चार धाम यात्रा में तैतालीस लाख से अधिक तीर्थ यात्री दर्शन को पहुंचे। हेमकुंट साहिब को मिला कर यह संख्या पौने छयालीस लाख पहुंच गयी।
श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि 19 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।
द्वितीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 7 नवंबर तथा द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट 18 नवंबर को बंद हो जायेंगे। इसी के साथ ही इस वर्ष की चार धाम यात्रा का सफल समापन हो जायेगा। अभी तक सवा तैतालीस लाख तीर्थयात्री चारधाम पहुंच गये है। हेमकुंट साहिब को मिलाकर तीर्थयात्रियों की संख्या पौने छयालीस लाख पहुंच गयी।

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