उत्तराखण्ड

 प्रदेश सरकार का बजट विकास को देगा रफ्तार: निशंक

देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व सीएम डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने प्रदेश सरकार के बजट को ऐतिहासिक बताया है। डॉ निशंक ने कहा कि बजट में किए प्रावधान दर्शाते हैं कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में सरकार 2025 तक श्रेष्ठ राज्य बनने के मार्ग पर निर्णायक रूप में आगे बढ़ रही है।

आज भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व सीएम डा॰ निशंक ने बजट को प्रधानमंत्री मोदी के मूलमंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की अवधारणा पर आधारित बताया। कहा कि भाजपा सरकार का यह बजट सामाजिक जनआकांक्षाओं के अनुरूप राज्य में विकास की रफ्तार बढ़ाने वाला और सशक्त उत्तराखंड @2025 के संकल्प को पूरा करने वाला है। कहा कि बजट का आकार में 18.05 फीसदी की वृद्धि के साथ रिकॉर्ड 77407 करोड़ रुपए का होना, साथ ही 4309 करोड़ का सरप्लस बजट और  स्वयं के संसाधनों से कुल इन्कम का भी शुद्ध 18.44 फीसदी बढ़ोत्तरी के साथ 24744 करोड़ होना दर्शाता है कि कुशल वित्तीय प्रबंधन के साथ उत्तराखंड तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है।

उन्होंने बजट की बारीकियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा, यह बजट संतुलित, समावेशी और सभी वर्गों तक पहुंचने वाला है जिसमे एक और युवाओं को बेहतर शिक्षा और बेहतर शिक्षा से रोजगार देने पर विशेष ध्यान दिया गया है, वहीं कृषि, उधान, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, पर्यटन और इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी महत्व दिया गया है।

डॉ निशंक ने कहा कि सर्वाधिक महत्वपूर्ण हमारे भविष्य के लिए सबसे अधिक 10,459 करोड़ का प्रावधान शिक्षा, खेल और युवा कल्याण के लिए किया गया है। चाहे समग्र शिक्षा योजना के लिए 813 करोड़ की बात हो, चाहे निजी स्कूलों में निर्धन बच्चों की शिक्षा के लिए 169 करोड़ की बात हो, चाहे उत्कृष्ट क्लस्टर विधयालय स्थापित करने के लिए 51 करोड़ की बात हो। इसी तरह स्वास्थ्य के लिए 4217.87 करोड़, जिसके अंतर्गत प्रदेशवासियों की सेहत में सुधार के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के अलावा अटल आयुष्मान हेतु 400 करोड़, मेडिकल कॉलज तथा नर्सिंग कॉलेज के निर्माण हेतु 400 करोड़ एवं  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के लिए 772 करोड़ रुपए प्रमुख तौर पर शामिल है। बजट में गांवों की तस्वीर बदलने के लिए ग्राम्य विभाग के लिए 3272 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही पेयजल, आवास, नगर विकास के लिए 2525 करोड़ रुपए, जिसमे स्मार्ट सिटी से जुड़ी आधारभूत व सामाजिक योजनाओं के लिए लगभग 351 करोड़ रुपए, पीएम आवास योजना के लिए 319 करोड़ रुपए, स्वच्छ भारत अभियानों के तहत होने वाली योजनाओं के लिए 227 करोड़ रुपए, मलिन बस्तियों के पुनर्वास के लिए 25 करोड़ समेत अनेक योजनाएँ शामिल हैं। प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को प्राथमिकता देते हुए 1251 करोड़ रुपए की व्यवस्थता की गयी है, जिसमें लखवाड़ जल विद्धुत परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपए प्रमुखतया शामिल हैं।

कहा कि आपदा पीड़ितों की विशेष चिंता करते हुए एक हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। जिससे जोशीमठ सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं में लोगों को त्वरित राहत पहुंचाई जाएगी। वहीं बजट में आपदा प्रभावितों को छह माह तक किराये के भवनों में रहने के लिए चार हजार की जगह पांच हजार प्रतिमाह देने और सहकारी बैंकों की ऋण वसूली पर एक साल तक रोक लगाने की बात कही गयी है। इसी तरह उधोग विभाग के लिए रूo 461.31 करोड़ का प्रावधान जिसमे वर्क फोर्स डेवलेपमेंट हेतु 100 करोड़, प्रमोशन ऑफ इंवेस्टमेंट स्टार्ट अप और इंटेरप्रीनियरशिप योजना हेतु रूo 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है जो प्रदेश में रोजगार बढ़ाने में निर्णायक साबित होगा। वहीं पर्यटन क्षेत्र में विकास के लिए  302.04 करोड़, समाज कल्याण, महिला एवं बाल कल्याण विभाग कें लिए कुल 2850.24 करोड जिसमे निराश्रित विधवा पेंशन हेतु 250 करोड़, नंदा गौरा योजना हेतु 282.50 करोड़, मुख्यमंत्री बाल पोषण अभियान योजना हेतु लगभग 26.72 करोड़, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना हेतु 23 करोड़, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना हेतु 19.95 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस बजट में शहरों से लेकर गांवों तक के लिए विशेष प्रवाधान किया गया।

इस अवसर पर सत्र जल्दी समाप्ति को लेकर कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदन भी चलने नहीं देती है और बाहर भी हंगामा ही करती रहती है और बाद में सत्र जल्दी समाप्ति के बेबुनियाद आरोप लगती है। जबकि सदन की कार्यवाही कार्य मंत्रणा द्धारा दिये बिजनेस के आधार पर ही चलता है। उन्होंने तंज़ किया कि अब कोई भी कांग्रेस के आरोपों को गंभीरता से नहीं लेता है।

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