- शंकराचार्य गद्दी और गाडू तेल कलश यात्रा पहुंची योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर
जोशीमठ (महादीप पंवार): बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की धार्मिक प्रक्रियाएं शुक्रवार को नृसिंह मंदिर जोशीमठ से शुरु हो गई हैं। यहां पूजा-अर्चना के बाद शंकराचार्य गद्दी व गाडू तेल कलश यात्रा ने बदरीनाथ धाम को प्रस्थान किया। जिसके बाद यात्रा रात्रि प्रवास के लिये पांडुकेश्वर स्थित योग ध्यान बदरी मंदिर पहुंच गई है। शनिवार को शंकराचार्य गद्दी व गाडू तेल कलश, भगवान उद्धव व कुबेर की उत्सव डोली के साथ बदरीनाथ धाम के लिये प्रस्थान करेगी। जिसके बाद 8 मई को निर्धारित समय के अनुसार 6 बजकर 15 मिनट पर बदरीनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये जाएंगे।
बता दें, भगवान शंकराचार्य की गद्दी की शीतकालीन पूजा जोशीमठ नृसिंग मंदिर में होती है। जहाँ से बदरीनाथ धाम की यात्रा शुरु होने से पूर्व शंकराचार्य गद्दी व गाडू तेल कलश प्रतिवर्ष रावल के नेतृत्व में बदरीनाथ धाम के लिये प्रस्थान करती है। इस परंपरा का निर्वहन करते हुए शुक्रवार को रावल ईश्वर प्रसाद नम्बूदरी के नेतृत्व में बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रियांए शुरु हुई। जिसके तहत शंकराचार्य गद्दी, गाडू तेल कलश और बदरीनाथ रावल रात्रि प्रवास के लिये पांडुकेश्वर पहुंच गये हैं। जहां रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी द्वारा भगवान उद्धव व कुबेर जी के साथ शंकराचार्य गद्दी की पूजा अर्चना की जाएगी। शनिवार को यहां से यात्रा बदरीनाथ धाम के लिये रवाना होगी। गौरतलब है कि बीते दो वर्षों से कोरोना की पाबंदियों के चलते अखंड ज्योति का दर्शन न कर पाने के चलते भक्तों में कपाट खुलने के दौरान अखंड ज्योति के दर्शनों को लेकर खासा उत्साह बना हुआ है।
इस मौके पर रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, धर्माधिकारी भुवन चन्द्र उनियाल, देव पुजाई समिति के अध्यक्ष भगवती प्रसाद नंबूरी, भगवती प्रसाद कपरूवाण, नितेश चैहान,अनिल नंबूरी समेत कई भक्तगण उपस्थित थे।