ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन समारोह में सीएम धामी ने केंद्रीय मंत्री भेंट की पहाड़ी टोपी और शॉल
देहरादून। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने वन अनुसंधान संस्थान देहरादून में उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन समारोह के अवसर पर देवभूमि उत्तराखण्ड को नमन करते हुए कहा कि यह केवल डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड का ही समारोह नहीं है, बल्कि कई नई चीजों की शुरूआत भी है।
उन्होंने कहा कि 02 लाख करोड़ के करारों के लक्ष्य के सापेक्ष ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में राज्य में साढ़े तीन लाख करोड़ से अधिक के करार हुए हैं, इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड के शासन और प्रशासन को बधाई दी। यह नये उत्तराखण्ड की अनन्त संभावनाओं को तलाशने की शुरूआत है। उत्तराखण्ड को ईको फ्रेंडली तरीके से किस प्रकार से उद्योग जगत के साथ भी जोड़ा जा सकता है, इसका एक मजबूत उदाहरण समग्र विश्व के सामने बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विश्वास के साथ कहा कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में देश तेजी से आगे बढ़ा है। पूरे देश में मल्टी डाइमेंशनल बदलाव आये हैं। इन वर्षों में 13.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आये हैं। प्रति व्यक्ति आय दुगुनी हुई है। करोड़ों किसानों की चिंता की गई है। यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या कई गुना हो गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का देवभूमि उत्तराखण्ड की जनता की ओर से स्वागत करते हुए कहा उनके नेतृत्व में आंतरिक सुरक्षा मजबूत होने के साथ ही सहकारिता क्षेत्र में भी भारत ’’सहकार से समृद्धि’’ के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके अंतर्गत देश के सभी पैक्स को कम्प्यूटरीकृत किया जा रहा है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री द्वारा अक्टूबर 2021 में पैक्स के कम्प्यूटरीकरण का कार्य देश में पहली बार उत्तराखंड से ही प्रारंभ किया गया था और आज राज्य में सभी समितियां कम्प्यूटरीकृत हो चुकी हैं। ’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है तथा उनके विजन के अनुरूप ही हर क्षेत्र में कार्य कर रहा है। जहां एक ओर आज उत्तराखंड में सेब, कीवी, मशरूम, श्री अन्न, जड़ी बूटियों आदि के उत्पादन द्वारा हमारे काश्तकार पूरी दुनियां को ’’मेक इन इंडिया’’ का संदेश दे रहे हैं, वहीं प्रदेश के अन्दर लॉजिस्टिक्स पार्क, एरोमा पार्क, फार्मा तथा इलैक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर और अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस हो, सिंगल विंडो क्लियरेंस हो, कठिन नियमों को सरल बनाने की बात हो, बजट को नियंत्रित करने के प्रयास हों, आज इन सभी मापदंडों में उत्तराखंड खरा उतरने का प्रयास कर रहा है। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री के रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म के मूल मंत्र को अंगीकार कर अनेक सेक्टरों के लिए सरल एवं पारदर्शी नीतियों को लागू करने का प्रयास किया है, जिससे हमारे उद्योग बंधुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इस इन्वेस्टर समिट में उत्तराखण्ड को साढे़ तीन लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 44 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग का कार्य प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन की सफलता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा रही है। निवेशक सम्मेलन को सफल बनाने में निवेशकों, केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों ने भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर इस सम्मेलन को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग एवं योगदान दिया। उत्तराखण्ड में निवेश करने वाले सभी निवेशकों द्वारा उत्तराखंड और उत्तराखंड के लोगों पर विश्वास जताने के लिए भी उन्होंने आभार व्यक्त किया।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह को भेंट की गई शॉल और टोपी दून सिल्क ब्रांड ने की तैयार
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री को राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा एक शॉल और एक पारंपरिक पहाड़ी टोपी भेंट की गई। उत्तराखंड रेशम फेडरेशन के एमडी आनंद शुक्ल ने बताया कि, शॉल और टोपी विशेष रूप से उत्तराखंड सहकारी रेशम फेडरेशन द्वारा तैयार की गई थी, जो राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और कुशल शिल्प कौशल को उजागर करती है।
उत्तराखण्ड रेशम फेडरेशन की यह पारंपरिक कला और शिल्प को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के महत्व को भी रेखांकित करता है, जो क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न अंग हैं। रेशम फेडरेशन के प्रबंधक मातवर सिंह कण्डारी ने बताया कि उत्तराखंड रेशम फेडरेशन की दोनों महत्वपूर्ण चीजें पूरे सेशन में प्रथम दिवस पर प्रधानमंत्री और आज समापन के अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह को सप्रेम भेंट उत्तराखंड को-ओपरेटिव विभाग द्वारा बनाये जा रहे चीजों का सम्मान है। उन्होंने कहा कि इनकी बिक्री और अधिक बढ़े़गी और रेशम किसानों को भी इसका लाभ पहुंचेगाा।