चमोली: जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने सोमवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जल जीवन मिशन के तहत संचालित कार्यो की प्रगति समीक्षा की। उन्होंने जल जीवन मिशन के अन्तर्गत द्वितीय चरण के लिए स्वीकृत योजनाओं की टेंडर प्रक्रिया शीघ्र पूरी करते हुए कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि प्रथम चरण के कार्य जो पूर्ण हो चुके है उनका तीसरी पार्टी से निरीक्षण कराते हुए कार्यो का भुगतान करना सुनिश्चित करें। दूसरे चरण में अवशेष योजनाओं की डीपीआर 10 सिंतबर से पहले स्वीकृत कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने जल संस्थान एवं जल निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन योजनाओं के टेंडर नही हुए है, उनके तत्काल टेंडर करें। जिन गांवों में विवाद के कारण योजनाओं का कार्य लंबित है वहां पर थानीय जनप्रतिनिधियों एवं गांव वालों के साथ बैठक करते हुए समस्याओं का समाधान करें। एफएचटीसी कार्यो में जल निगम कर्णप्रयाग की धीमी प्रगति को देखते हुए जिलाधिकारी ने अधिक्षण अभियंता को संचालित कार्यो की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। इस दौरान सभी डिविजनों के तहत संचालित कार्यो की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि जल जीवन मिशन कार्यो की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। कहा कि फील्ड विजिट के दौरान वे स्वयं जल जीवन मिशन कार्यो का स्थलीय निरीक्षण करेंगे।
जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता सुशील कुमार शैनी ने अवगत कराया कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत में 77650 घरेलू जल संयोजन के सापेक्ष अभी तक 71888 घरेलू जल संयोजन किए जा चुके है और 92.59 प्रतिशत एफएचटीसी का कार्य पूरा कर लिया गया है। अवशेष 5762 घरेलू संयोजन का कार्य प्रगति पर है। पेयजल योजनाओं के पुर्नगठन एवं जल स्रोतों के सुधारीकरण योजनाओं के लिए स्वीकृत 934 आंगणन में से 861 के टेंडर हो चुके है तथा संचालित 786 कार्यो पूर्ण हो गए है और 75 कार्य चल रहे है। जबकि 253 योजनाओं की डीपीआर स्वीकृत की होनी है। जिले के 1116 गांवों में से 1014 गांवों में फील्ड टेस्टिंग किट वितरण एवं प्रशिक्षण दिया गया है।
बैठक में परियोजना निदेशक आनंद सिंह, सीटीओ डा.सूर्य प्रताप सिंह, अधीक्षण अभियंता जल निगम कपिल सिंह, अधीक्षण अभियंता जल संस्थान सुशील कुमार शैनी सहित जल संस्थान व जल निगम के सभी डिविजनों से अधिशासी अभियंता व सहायक अभियंता उपस्थित थे।