धनबाद में मंगलवार का दिन काला साबित हुआ। धनबाद के निरसा इलाके की तीन खदानों में मंगलवार को कोयले के अवैध खनन के दौरान चाल धंसने और मलबा गिरने से 11 ग्रामीणों की मौत हो गई। गोपीनाथपुर ओपेनकास्ट प्रोजेक्ट में पांच, दहीबाड़ी के बंद सी पैच में तीन तथा कापासरा में तीन की मौत हुई। मृतकों में सात महिलाएं भी शामिल हैं।
गोपीनाथपुर ओपेनकास्ट प्रोजेक्ट के समीप करीब पांच बजे मलबा गिरने से आठ महिला-पुरुष दब गए। शाम तक एक लड़की, दो महिलाओं एवं दो पुरुषों के शव निकाले जा सके थे। यहां कुछ और ग्रामीणों के दबे होने की सूचना है। पंचेत में भी ऐसा ही दर्दनाक हादसा हुआ। यहां ओपेनकास्ट प्रोजेक्ट क्षेत्र के बीसीसीएल सीवी एरिया के दहिबड़ी के बंद सी पैच में अवैध खनन के दौरान सुबह चाल धंसने से तीन महिलाओं की मौके पर मौत हो गयी। इन सभी महिलाओं की उम्र 35 से 40 वर्ष की बताई जा रही है।
तीनों घटनास्थलों पर कोयले से भरी बोरियां और मजदूरों की चप्पलें मौत गवाही दे रही हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ अब भी दबे हैं जिन्हें नहीं निकाला जा सका। धनबाद के एसपी रेश्मा रमेशन ने कहा कि गो नाथपुर में दबे लोगों में से पांच के शव ईसीएल के सहयोग से निकाले गए।
एरिया के दहीबाड़ी के बंद सी (आउटसोर्सिंग) में अवैध खनन दौरान सुबह चाल धंसने से महिलाओं की मौके पर मौत हो मरने वालीं महिलाएं पतला बस्ती की रहने वाली थीं। सभी की 35 से 40 वर्ष के बीच है।
गोपीनाथपुर से निकाले गये शवों की पहचान जुलेखा, पायल शर्मा, लालू मियां और पायल की मां के रूप में हुई। यहां कई और लोगों के दबे होने की आशंका है। हादसे के बाद विधायक अपर्णा सेनगुप्ता व पूर्व विधायक अरूप चटर्जी के दबाव में प्रबंधन ने मलबा हटाने का कार्य शुरू किया। देर रात तक ग्रामीण भी जुटे थे।
घटना के बाद बीसीसीएल सीबी एरिया 12 के अभिकर्ता पीके बनर्जी ने कहा कि हाल के कुछ महीनों से जमीन विवाद में आउटसोर्सिंग का काम बंद है। वहां कोयला का उत्पादन नहीं हो रहा है। यहां अवैध खनन के दौरान किसी के मरने की कोई जानकारी नहीं है।