अंतर्राष्ट्रीय

राजकाज: राष्ट्र के लिए संत और फौज दोनों जरुरी: कोठियाल

बड़ा उदासीन अखाड़ा और अवधूत आश्रम के संतों से मिले कर्नल कोठियाल

संवाददाता

हरिद्वार, 25 अक्टूबर।

आप के सीएम प्रत्याशी कर्नल अजय कोठियाल ने आज हरिद्वार के अवधूत मंडल आश्रम पहुंचकर श्री श्री 1008 पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी संतोषानंद देव महाराज अवधूत मंडल पीठाधीश्वर और महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी से मुलाकात करते हुए उनका आशिर्वाद लिया।

इस दौरान (रि) कर्नल अजय कोठियाल ने महामंडलेश्वर स्वामी संतोषानंद देव महाराज को भेंट स्वरुप खुखरी समेत केदारनाथ में आई आपदा के दौरान बोल्डर से बना एक शिवलिंग  और एक टूटे मकान के सरिए से बना एक छोटा त्रिशूल दिया।  जिसे महामंडलेश्वर की आज्ञा से आश्रम के पूजा घर में ही रखा गया  और कर्नल कोठियान ने स्वयं उन्हें पूजा के स्थान में रखा। खुखरी भेंट करते हुए उन्होंने कहा कि, ये हथियार गढवाल, कुंमाऊ और गोरखा सैनिकों की वीरता की निशानी है ,जिसे फौज में तीनों ही रेजीमेंट इस्तेमाल करती हैं। इसे भी आश्रम के पूजा घर में रखा गया।

कर्नल कोठियाल ने इस दौरान तीनों ही रेजीमेंट्स की वीरता के बारे में महामंलेश्वर को बताया कि कैसे फौज में रहते हुए तीनों ही रेजीमेंट्स के जवान अपने हथियार से जहां एक ओर दुश्मन का सामना डट कर करते हैं तो वहीं ये हथियार बुराई से लडने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस खुखरी में एक निशान बना होता है जिसे लोग गाय का खुर भी कहते हैं तो कई उसे शिव का त्रिशूल समझते हैं। जो गौ रक्षा समेत अंधकार में छुपे पापों को नष्ट करने का एक प्रतीक है।

इसके बाद कर्नल कोठियाल ने महंत श्री महेश्वर दास, महंत रघुमुनि  और मंहत अद्वेतानंद महाराज से मुलाकात करते हुए उत्तराखंड नवनिर्माण और आध्यात्मिक राजधानी के संकल्प को पूरा करने के लिए  उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान कर्नल कोठियाल और यहां मौजूद सभी संतो से आध्यात्मिक राजधानी को लेकर बातचीत हुई। कर्नल कोठियाल ने इस दौरान कहा कि, फौज में कई परंपराएं संतों के अखाडों से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि, देश की दुर्गम और अतिदुर्गम पहाडियों और ऊंचे पर्वतों पर या तो संत मौजूद रहते हैं या तो वहां फौज मौजूद रहती है। दोनों का देश की सुरक्षा से लेकर संस्कृति बचाव में विशेष योगदान है।

वहीं संतो का मानना था कि, सबसे ऊपर राष्ट्र है और जो भी राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र के लिए कार्य करेगा, संत समाज पूरी तरह उसके साथ खडा है। संतों ने कर्नल कोठियाल को सच्चा देशभक्त और राष्ट्र के लिए पूरी तरह समर्पित होने वाला सिफाही बताते हुए अपना आशीर्वाद दिया।

इस दौरान संतों ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश से विभाजित होने के बाद जो सपने नवनिर्मित राज्य उत्तराखंड के लिए देखे गए थे, वो सपने आज तक पूरे नहीं हो पाए। आज उत्तराखंड को नए और अच्छे विकल्प की आवश्यकता है। कर्नल कोठियाल ने विश्वास दिलाया कि  आप पार्टी की सरकार प्रदेश में बनते ही  जो सपने आंदोलन कारियों ने प्रदेश के लिए देखे थे वो सपने जरुर पूरा करेंगे।

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