संवाददाता
देहरादून, 15 नवंबर।
इच्छा शक्ति प्रबल हो तो शारीरिक दिव्यांगता भी आड़े नहीं आ सकती है और इस बात को साबित कर दिखाया है पौड़ी गढ़वाल दिव्यांग शिवम सिंह नेगी ने। जिसने अपनी इच्छा शक्ति और कड़ी मेहनत से भारतीय फुटबॉल टीम में में जगह बनाने में सफलता पाई है। शिवत की इस सफलता से उसके परिजनों में खुशी छाई हुई है।
शिक्षम सिंह नेगी देहरादून में राजपुर रोड स्थित राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान में टीसीएबी से शॉर्ट हैण्ड की शिक्षा ले रहे हैैं। पिछले चार वर्षों से कोच नरेश सिंह नयाल के मार्गदर्शन में ब्लाइंड फुटबॉल की ट्रेनिंग ले रहे हैं। उन्होंने इससे पहले भी 2019 में पट्टाया, थाईलैंड में भारतीय ब्लाइंड फुटबॉल टीम की तरफ से एशियन ब्लाइंड फुटबॉल चैंपियनशिप में प्रतिभाग किया है। शिवम एशियन ब्लाइंड फुटबॉल में गोल दागने वाले पहले भारतीय ब्लाइंड फुटबॉल खिलाड़ी हैं। उन्होंने इस प्रतियोगिता में मलेशिया के खिलाफ दो गोल दागे थे। फिलहाल शिवम केरल के कोच्चि शहर में नेशनल कैंप में हैं और वहीं से ओमान जायेंगे। वहां भारतीय टीम 26 और 27 नवंबर को दो मैचों की श्रृंखला खेलेगी।
शिवम पूर्णतः दृष्टिबाधित है और बचपन से खेलों में प्रतिभाग करता आया है लेकिन एनआईईपीवीडी में आने के पश्चात उसने खेलों को गंभीरता से लेना प्रारंभ किया। शिवम एथलेटिक्स और ब्लाइंड क्रिकेट में भी रुचि रखता है। स्वभाव से काफी मिलनसार और मददगार भी है। उनके कोच ने जब ये खबर सभी को बताई तो उसके संस्थान और उसके साथियों के बीच खुशियों का प्रसार हो गया। वहीं हिम्मोत्थान जो कि टाटा ट्रस्ट की शाखा है ने शिवम को काफी सपोर्ट किया है। समय समय पर उसे किट और डाइट देकर मदद की है।
शिवम अपने कोच के साथ मिलकर खूब मेहनत करता है और अपनी भारतीय ब्लाइंड फुटबॉल टीम को ब्लाइंड फुटबॉल का वर्ल्ड कप खेलता चाहता है। फिलहाल इंडियन ब्लाइंड फुटबॉल टीम वर्ल्ड रैंकिंग में 28वें स्थान पर है और एशिया में पांचवे नंबर पर है। आने वाले समय में भारतीय ब्लाइंड फुटबॉल टीम से हर स्तर पर बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।