उत्तराखण्ड

बिहार के अपर मुख्य सचिव बोले, योजनाओं पर अच्छा कार्य कर रहा है उत्तराखंड सहकारिता विभाग

बिहार सरकार के अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड सहकारिता विभाग के विभिन्न परियोजनाओं का किया भ्रमण

देहरादून। बिहार के अपर मुख्य सचिव सहकारिता दीपक कुमार सिंह ने कहा है कि उत्तराखंड में सहकारिता विभाग अन्य राज्यों की तुलना में काफी एक्टिव है और अच्छा काम कर रहा है। साइलेज,  दीनदयाल किसान कल्याण योजना की भी उन्होंने प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार के पास 670 बहुद्देशीय सहकारी समितियाँ हैं, जो विकास सबसे मजबूत साधन हैं। इसके साथ ही उन्होंने अन्य योजनाओं का भी अध्ययन किया।

अपर मुख्य सचिव सहकारिता दीपक कुमार सिंह ने आज यह बात राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना में उत्तराखंड की शीर्ष सहकारिता अधिकारियों की बैठक में बोला। दरअसल, अपर मुख्य सचिव सिंह उत्तराखंड के सहकारिता के मॉडल और उसके कार्यों को देखने के लिए गुरुवार को उत्तराखंड आ गए थे। उन्होंने रेलवे स्टेशन से सीधा सहसपुर में साइलेज प्लांट का निरीक्षण किया और उनकी दूसरी टीम हरिद्वार में सहकारिता के कार्यों को देखने के लिए गई।

कल और आज दोपहर तक सहकारिता विभाग के कार्यों को देखने के बाद परियोजना निदेशालय में अपने अधिकारियों और उत्तराखंड के शीर्ष सहकारिता के अधिकारियों के साथ मीटिंग की। उन्होंने बारीकी से सहकारिता सचिव डॉ बी वीआरसी पुरुषोत्तम, निबंधक सहकारी समितियाँ उत्तराखंड आलोक कुमार पांडेय, उत्तराखंड तथा परियोजना के चारों पीडी से एक-एक योजना के बारे में बैठक में जानकारी ली।

सचिव डॉ. पुरुषोत्तम ने परियोजना के 2019 से अब तक किए जा रहे कार्यों को प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि घसियारी कल्याण योजना से किसानों को बहुत बड़ा सहारा मिला है और इससे मैदानी क्षेत्रों में जहां मक्के की फसल उगाई जा रही है, उन्हें लाभ मिल रहा है। दीनदयाल कृषि दीनदयाल किसान सहकारिता कल्याण योजना, दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना, ई-रिक्शा योजना, मोटरसाइकिल टैक्सी योजना, पैक्स कंप्यूटराइजेशन,  ओटीएस स्कीम,  के बारे में अपर मुख्य सचिव को बताया।

अपर मुख्य सचिव सिंह ने सहकारी किसान कल्याण योजना, जिसके तहत सीसीएल लिमिट 35 लाख हजार रुपये का कोआपरेटिव बैंकों द्वारा राज्य के हर कर्मचारी के लिए दिया जा रहा है, और समेकित सहकारी विकास परियोजना के चारों सेक्टरों में जो कार्य किया जा रहा है, उस पर दिलचस्पी दिखाई। कर्मचारी कल्याण निगम द्वारा बनाए जा रहे शॉपिंग मॉल के बारे में भी उन्होंने जानकारी साझा करने का आग्रह किया।

उत्तराखंड के अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि 845377 लोगों को और 4828 स्वयं सहायता समूहों को 2017 से अब तक 4766.91 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण किसानों को दिया जा चुका है। कोआपरेटिव बैंकों का 13 हजार करोड़ जमा है। 8 हजार रुपये आउटस्टैंडिंग हैं। इस वर्ष बैंक का लाभ 180 करोड़ रुपये में रहा है, जिसमें 67 करोड़ रुपये शुद्ध लाभ हैं। सभी बैंक प्रॉफिट में हैं। 9% ब्याज में ऋण लिया जाता है। ऍनपीए 5% से कम है। देयरी के 13 जिलों में 11 में प्लांट हैं। 2 जिलों में ट्रेनिंग सेंटर हैं।

उत्तराखंड सहकारी संघ मिलेट्स विशेष रूप से राज्य में काम कर रहा है। इस मौके पर मनोज कुमार सिंह प्रबंध निदेशक राज्य सहकारी बैंक, शंभू सिंह डिप्टी रजिस्ट्रार, शशि शेखर ज्वाइंट रजिस्टर, अनिल कुमार गुप्ता उप निबंधक बिहार, बाबू राजा जनसंपर्क अधिकारी बिहार सहकारिता विभाग, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, अपर निबंधक नोडल अधिकारी आनंदअपर निबंधक नोडल अधिकारी आनंद शुक्ल, संयुक्त निबंधक एमपी त्रिपाठी, उत्तराखंड सहकारी संघ की एमडी रमिंद्री मंन्द्रवाल, उप निबंधक मानसिंह सैनी, ए आर राजेश कुमार,सुमन कुमार,  वंदना लाखेड़ा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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