उत्तराखण्ड राजनीति

संवाददाता
देहरादून, 11 अक्टूबर।
अब तक विधायकों को भाजपा में शामिल कर भाजपा नेता खुश हो रहे थे लेकिन आज कांग्रेस ने भाजपा को बड़ा झटका दे दिया है। हालांकि इसकी आशंका भाजपाइयों को पहले से ही थी लेकिन आज अचानक पिता-पुत्र के कांग्रेस में वापसी से भाजपा को बड़ा झटका लगा है। इससे भाजपा के दलित वोटो के प्रभावित होने की आशंका है।


आज दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके पुत्र विधायक संजीव आर्य ने कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला की उपस्थिति में कांग्रेस ज्वाइन कर ली। इस दौरान उत्तराखण्ड कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव और पूर्व सीएम हरीश रावत भी मौजूद रहे।
माना जा रहा है कि पिता-पुत्र यशपाल आर्य और संजीव आर्य की घर वापसी के पीछे दलितों की उपेक्षा को मुद्दा बनाया गया है। वहीं कांग्रेस में जाने के पीछे एक बड़ा कारण तराई के क्षेत्रों में बीजेपी का किसानों के मुद्दे पर खासा विरोध होना भी बताया जा रहा है। ऐसे में बाजपुर सीट से जीतना यशपाल आर्य के लिए बीजेपी के टिकट पर मुश्किल साबित हो सकता है। इसलिए कांग्रेस का दामन थाम कांग्रेस के टिकट पर वह चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले काफी समय से कैबिनेट की बैठकों में भी यशपाल आर्य दलितों के मुद्दों को लेकर कैबिनेट की बैठक में काफी मुखर थे। कांग्रेस सूत्रों का कहना है दीपावली तक बीजेपी के कम से कम 8 विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने का फैसला किया जाएगा।

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