उत्तराखण्ड

उत्तराखंड को शतप्रतिशत सहयोग करेगा केंद्रीय रेशम बोर्ड : पी शिवकुमार

देहरादून। केन्द्रीय रेशम बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के नव नियुक्त सदस्य सचिव पी. शिव कुमार (आईएफएस) द्वारा अपने दो दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम में केन्द्रीय रेशम बोर्ड के राजधानी देहरादून में स्थित संस्थानों के साथ-साथ रेशम निदेशालय उत्तराखण्ड एवं उत्तराखण्ड को-आपरेटिव रेशम फेडरेशन के प्रेमनगर-देहरादून मुख्यालय के साथ राजकीय रेशम फार्म  झाजरा, ग्रोथ सेन्टर सेलाकुई का भ्रमण किया गया।

सदस्य सचिव भारत सरकार द्वारा सर्वप्रथम सिल्क पार्क  स्थित रेशम फेडरेशन के मुख्यालय पर अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह, प्रबंध निदेशक, आनन्द शुक्ला, निदेशक रेशम, प्रदीप कुमार, केन्द्रीय रेशम बोर्ड के अधिकारियों की उपस्थिति में फेडरेशन की वर्तमान की जा रही गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की गई। बैठक के दौरान प्रबंध निदेशक  द्वारा  भविष्य की योजनाओं को लेकर केन्द्रीय रेशम बोर्ड, भारत सरकार से वित्तीय एवं तकनीकी सहयोग की अपेक्षा की गई।

सदस्य सचिव केन्द्रीय रेशम बोर्ड द्वारा इसी वित्तीय वर्ष में फेडरेशन की और से प्राप्त होने वाले प्रस्तावों  के लिए शत प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करने का आश्वासन और सुझाव दिया गया कि आगामी 15 दिनों में एक विस्तृत परियोजना प्रस्ताव केन्द्रीय रेशम बोर्ड भारत सरकार को उपलब्ध करा दें, जिस पर शीघ्र सहायता प्रदान की जायेगी।

सदस्य सचिव भारत सरकार द्वारा फेडरेशन द्वारा वर्तमान में की जा रही गतिविधियों की प्रशंसा की गई। उन्होंने कहा कि आगामी 1 माह के अन्दर सभी उत्पादों पर उनकी विशिष्ठता एवं बुनकर/लाभार्थी के विववरण वाले क्यूआर कोड लगा लिये जायें। जिसके लिये केन्द्रीय रेषम बोर्ड द्वारा हर संभव सहायता प्रदान करेगा। केन्द्रीय रेशम बोर्ड द्वारा सिल्क पार्क में प्रस्तावित ‘ रेशम घर‘ का भी भौतिक निरीक्षण किया गया। उसके बाद सदस्य सचिव, केरेबो, भारत सरकार द्वारा ग्रोथ सेन्टर सेलाकुई में रेशम धागाकरण इकाई, साड़ी उत्पादन इकाई एवं कोया बाजार आदि का भ्रमण किया गया जहां पर स्थापित अवस्थापना सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की गई।

सदस्य सचिव द्वारा ग्रोथ सेन्टर सेलाकुई में निदेशक, रेशम को सुझाव दिया गया कि यदि फेडरेशन को दूनसिल्क के उत्पादों के पूर्ण मूल्य श्रृंखला में कोई अवस्थापना सुविधा की आवश्यकता हो तो सिल्क समग्र-2 में कोसोत्तर सेक्टर में उपयुक्त योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यदि संघ की ओर से प्रस्ताव दिया जाता है तो केरेबो, भारत सरकार, प्राप्त प्रस्तावों को प्राथमिकता पर वित्तीय सहायता करेगी।

रेशम निदेशालय उत्तराखण्ड, प्रेमनगर-देहरादून के मुख्यालय में निदेशक रेशम प्रदीप कुमार द्वारा उनका औपचारिक स्वागत किया गया एवं रेशम निदेशालय की वर्तमान गतिविधियों, संचालित योजनाओं एवं प्रगति से सदस्य सचिव , केन्द्रीय रेशम बोर्ड, को अवगत कराया गया।  जिसमें विभागीय अधिकारियों के अतिरिक्त केन्द्रीय रेशम बोर्ड, नई दिल्ली, के अधिकारी, देहरादून में अवस्थित केन्द्रीय रेशम बोर्ड के अधिकारी भी सम्मिलित थे।

सदस्य सचिव द्वारा निदेशक रेशम को सुझाव दिया गया कि राज्य में गुणवत्ता युक्त रेशम बीज उत्पादन के लिए स्पष्ट नीति होनी चाहिये। कहा कि राज्य में बसंत और मानसून फसलों के अतिरिक्त एक अन्य कमर्शियल रेशम फसल प्रारभ्म करनी चाहिये। प्रदेश में चारों प्रकार के रेशम उत्पादन बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा भौज्य पौधों का वृक्षारोपण का चरणबद्ध कार्य करना चाहिये। जिससे आने वाले समय में राज्य में रेशम उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा। उत्तराखण्ड राज्य हिमालयी राज्यों में रेशम उत्पादन में प्रतिस्पर्धा में उच्चतम स्थान पर होगा।

केन्द्रीय रेशम बोर्ड के सदस्य सचिव द्वारा निदेशक रेशम केन्द्रीय रेशम बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार की ओर से हर संभव सहायता एवं सभी परियोजना के लिये समयबद्ध ढंग से धनराशि का आवंटन एवं धनराशि उपलब्ध कराने का शत प्रतिशत प्रयास किया जायेगा। जिससे किसी विकास एवं स्वरोजगार की योजना/परियोजना पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

इस अवसर पर रेशम विभाग के सहायक निदेशक विनोद तिवारी, प्रबंधक रेशम फेडरेषन  मातबर कण्डारी के साथ केन्द्रीय रेशम बोर्ड के क्षेत्रीय संस्थान के प्रभारी वैज्ञानिक डा. एसएस. चौहान, वैज्ञानिक-डी, सुरेन्द्र भट्ट, वैज्ञानिक-डी, सरदार सिंह आदि मौजूद रहे।

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