पुनर्नियुक्ति की मांग
देहरादून। दून मेडिकल कॉलेज मेडिकल सोशल वर्कर के पद पर तैनात रहा युवक पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर आज शाम के समय कॉलेज परिसर की पानी की टंकी पर चढ़ गया।
लगभग 3 घंटे तक पूर्व संविदा कर्मी गोविंद आर्य के कारण कॉलेज प्रबंधन और पुलिस ने उसे नीचे उतारने के लिए भरसक कोशिश की। बाद में कॉलेज प्रबंधन से वार्ता के आश्वासन पर ही वह नीचे उतरा। युवक के नीचे उतरने के बाद कॉलेज प्रबंधन और पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली।
विदित हो कि दून मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2016 में विभागीय संविदा पर मेडिकल सोशल वर्कर (एमएसडब्ल्यू) तैनात किए गए थे। बाद में एमएसडब्ल्यू की नियमित नियुक्ति की गई। वर्ष 2021 में चिकित्सा चयन बोर्ड के जरिए कुल 32 पदों पर एमएसडब्ल्यू की भर्ती की गई। जिनमें 11 पद दून मेडिकल कॉलेज के थे। इस भर्ती प्रक्रिया में कुछ संविदा कर्मी भी शामिल होकर नियमित हो गए थे।
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भर्ती प्रक्रिया के दौरान सेवा नियमावली के तहत अहर्ता पूरी न करने के कारण गोविंद आर्य परीक्षा में शामिल नहीं हो सका था। इसी बीच एमएसडब्ल्यू के पदों पर नियुक्तियां होने पर संविदा कर्मी नौकरी से बाहर कर दिए गए थे। इसके बावजूद गोविंद लगातार सेवा विस्तार की मांग करता रहा।
पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर कोर्ट भी गया :
वह पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर कोर्ट भी गया लेकिन उसे वहां से भी राहत नहीं मिली। यहां तक कि मेडिकल कॉलेज में उसे जो आवास आवंटित किया गया था उसने उस आवास को भी खाली नहीं करा। जबकि कॉलेज प्रशासन उसे लगातार आवाज खाली करने के लिए नोटिस दे रहा था।
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पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर आज गोविंद आर्य रहे शाम के समय दून मेडिकल कॉलेज परिसर में स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गया। पूर्व संविदा कर्मी के कॉलेज की टंकी पर चढ़ने की खबर से हड़कंप मच गया।
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इसी बीच पुलिस ने मौके पर पहुंचकर युवक से नीचे उतरने को कहा लेकिन वह नहीं माना। लगभग 3 घंटे तक चले इस प्रकरण में गोविंद आर्य को मनाने की कोशिश की जाती रही लेकिन वह नहीं माना। बाद में कॉलेज प्रबंधन से वार्ता का आश्वासन मिलने के बाद वह नीचे उतरा।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना ने बताया कि एमएसडब्ल्यू के पदों पर नियमित नियुक्ति की जा चुकी है। ऐसे में अब संविदा कर्मियों को सेवा विस्तार दे पाना नामुमकिन है। गोविंद को कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है।
कहा कि नियमित कर्मी लगातार आवास के लिए प्रत्यावेदन दे रहे हैं लेकिन गोविंद आवास छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। जिसके चलते आवास का कब्जा छुड़वाने के लिए पुलिस को पत्र लिखा गया था। प्राचार्य सयाना ने कहा कि गोविंदा आर्य अपना प्रत्यावेदन दे दे जिससे कि मामले को सक्षम स्तर पर रखा जा सके।