चमोली: जिल में मवेशियों में लम्पी बीमारी फैलने से पशुपालक खासे चिंतित हैं। जिले में पशुपालन विभाग की ओर से जिले 6 मवेशियों का चिंहिन्त कर लिया गया है। जिसे लेकर पशुपालन विभाग की ओर से मवेशियों की सुरक्षा को लेकर पशुपालकों से सुरक्षा इंतजाम करने की सलाह दी गई है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. प्रलयंकर नाथ ने बताया कि जनपद चमोली में वर्तमान में 06 पशुओं में इस बीमारी के जैसे लक्षण पाए गए है। पशुपालन की चिकित्सा टीम द्वारा पशुओं को अलग रखकर उपचार किया जा रहा है। सीवीओ ने पशुपालको को सलाह दी है, किसी भी पशु में रोग के आरंभिक लक्षण दिखाई देते ही उसे अन्य स्वस्थ पशुओं से अलग कर दें। पशु आवास के नजदीक पानी, मल-मूत्र एवं गंदगी एकत्र न होने दें। पशुओं में इस रोग बारे में जानकारी देते हुए सीवीओ ने बताया कि लम्पी स्किन रोग गौवंशीय एंव महीषवंशीय पशुओं का एक संक्रामक रोग है, जो केप्रीपॉक्स विषाणु के कारण होता है। इस रोग से तीव्र ज्वर, गांठदार त्वचा एवं गर्भपात उत्पादनशीलता की समाप्ति की समस्या पैदा होती है। रोगी पशु से स्वस्थ पशुओं में रोग का प्रसार रक्त चूसने वाले कीटों, मच्छर काटने वाली मक्खी, जूं एवं चींचड़े, आदि के द्वारा होता है। बीमार पशुओं तथा इनके संपर्क में आने वाले व्यक्तियों के आवागमन से भी यह रोग फैलने की संभावना होती है।