उत्तराखण्ड धार्मिक

मैठाणा गांव की अपनी विशेष धार्मिक पहचान : शंकराचार्य

चमोली : ज्योतिष पीठ के शंकाराचार्य व राम मंदिर के मुख्य ट्रस्टी स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती शुक्रवार को मैठाणा गांव पहुंचे। जहां उन्होंने आदि गुरु शंकराचार्य जी द्वारा स्थापित लक्ष्मीनारायण मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना कर दर्शन किये। शंकराचार्य के मैठाणा गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने उनका फूल मालाओं के साथ भव्य स्वागत व पूजा-अर्चना की।
इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से वार्ता करते हुए कहा कि मैठाणा गांव की अपनी विशेष धार्मिक पहचान है। इस स्थान पर आदि गुरु शंकराचार्य ने विश्राम किया व लक्ष्मी नारायण मंदिर की स्थापना की। कहा कि इस स्थान से उन्हें विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है, इसीलिए वे सदैव भ्रमण के दौरान मैठाणा गांव में अवश्य पहुुंचते हैं।

इस दौरान शंकराचार्य के मार्ग दर्शन में लक्ष्मीनारायण मंदिर के रख-रखाव के लिये मैठाणा लक्ष्मी नारारायण मंदिर समिति का भी गठन किया गया। समिति में सुरेंद्र प्रसाद मैठाणी, विनोद शास्त्री मिश्रा, शिव प्रसाद डिमरी, चंद्रमौलेश्वर सती, विमल मैठाणी, जगदीश प्रसाद मैठाणी, बल्लभ मैठाणी व नवीन मैठाणी के जिम्मेदारी सौंपी गई। समिति में शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती को संरक्षक व समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी को संस्थापक की दायित्व दिया गया। वंही शंराचार्य द्वारा यहां मंदिर के भव्य गेट व सीढियों के निर्माण के साथ ही सत्संग मंडप व हाॅल के निर्माण करवाने की बात कही गई।

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