उत्तराखण्ड

राज्य में होगी प्रवासी शिक्षा केन्द्रों की स्थापनाः डॉ. धन सिंह रावत

नई शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के तहत सूबे में रह रहे श्रमिकों के बच्चों शिक्षा-दिशा के दृष्टिगत प्रवासी शिक्षा केन्द्रों की स्थापना की जायेगी। राष्ट्रीय फलक पर शिक्षा विभाग की विभिन्न गतिविधियों के बेहतर आंकलन हेतु परफॉरमेंस ग्रेड इंडिकेटर्स (पीजीआई) में सुधार हेतु निदेशालय स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किये जायेंगे। प्रत्येक जनपद मुख्यालय में बेसहारा, निर्धन व असहाय बच्चों के लिये नेता जी सुभाष चन्द्र बोस छात्रावास की स्थापना होगी।

सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा के सभागार में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने प्रदेश की विभिन्न परियोजनाओें एवं औद्यौगिक क्षेत्रों में काम कर रहे प्रवासी मजदूरों के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिये परियोजना बाहुल्य क्षेत्रों में प्रवासी शिक्षा केन्द्रों की स्थापना हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि वर्तमान में रेल परियोजना, पनबिजली परियोजना, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण सहित औद्योगिक क्षेत्रों में हजारों प्रवासी श्रमिक निवास कर रहे हैं जिनके बच्चों को प्राथमिक शिक्षा दिये जाने के उद्देश्य से एनईपी-2020 में प्रवासी शिक्षा केन्द्र स्थापित किये जाने की व्यवस्था की गई है। इसी के तहत राज्य में मजबूर बाहुल्य क्षेत्रों का विभागीय सर्वे करा कर प्रावसी शिक्षा केन्द्र की स्थापना की जायेगी। इसके अलावा प्रदेश के निर्धन, असाहय व निराश्रित बच्चों के लिये प्रत्येक जनपद मुख्यालय पर एक-एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय छात्रावासों की स्थापना हेतु निर्माण कार्यार्ं में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में 13 छात्रावास क्रियाशील है जबकि सात का निर्माण अभी होना बाकी है। इन छात्रावासों में रहने वाले बच्चों को आस-पास के विद्यलायों में प्रवेश दिलाया जाता है जिनके आवास सहित भरण-पोषण एवं शिक्षा पर आने वाला व्यय भार भारत सरकार द्वारा वहन किया जाता है।

राष्ट्रीय फलक पर विद्यालयी शिक्षा को शीर्ष दस राज्यों की श्रेणी में लाने के उद्देश्य से निदेशालय स्तर पर प्रत्येक गतिविधि की मॉनिटिरिंग एवं संकलन के लिये एक-एक अधिकारी को नोडल नामित करने के निर्देश दिये गये हैं ताकि राष्ट्रीय स्तर पर परफॉरमेंस ग्रेड इंडिकेटर्स (पीजीआई) में सुधार लाते हुये प्रदेश को अग्रणी राज्यों में लाया जा सके। इसके अलावा समीक्षा बैठक में पीएमश्री योजना, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, आईसीटी, व्यावसायिक शिक्षा, एफएलएन सहित विभिन्न निर्माण कार्यों की प्रगति पर चर्चा की।

बैठक में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा बंशीधर तिवारी, अपर परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती, संयुक्त निदेशक पीएम पोषण कुलदीप गैरोला, उपायुक्त एफडीए जी.सी. कण्डवाल, उप परियोजना निदेशक अजीत भण्डारी, पल्लवी नैन, प्रद्युमन रावत, अन्जुम फातिमा, बी.पी. मैन्दोली सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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