उत्तराखण्ड

सड़कों को सार्वजनिक घोषित करने की कार्यवाही करेगा नगर निगम: मनुज गोयल

लम्बे समय अंतराल के बाद सड़को को सार्वजनिक घोषित करने की शुरू हुई कार्यवाही

देहरादून। शहर के विकास एवं निर्माण कार्यों से कई ऐसी सड़कें भी अस्तित्व में आई हैं जो सार्वजनिक सड़क घोषित नहीं हो पाई हैं। इन सड़कों के सार्वजनिक सड़क घोषित नहीं हो पाने के कारण एक तरफ जहां इन सड़कों के रखरखाव में समस्या आ रही है। वहीं दूसरी तरफ आमजन को भी परेशनियों का सामना करना पड़ रहा है।

लोक निर्माण विभाग द्वारा भी इस आशय से नगर आयुक्त मनुज गोयल को अवगत कराया गया कि उनके विभाग द्वारा कई सड़कों के निर्माण/रखरखाव के प्रस्ताव तैयार किये गये हैं किन्तु इन सड़कों के सार्वजनिक सड़क घोषित नहीं होने के कारण सड़कों पर स्वामित्व की स्थिति स्पष्ट नहीं है। जिस कारण लोक निर्माण विभाग को इन सड़कों पर कार्य करने में समस्यायें आ रही हैं।

नगर आयुक्त द्वारा अधिकारियों को दिये गये निर्देश

नगर आयुक्त द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि सड़कों को चिन्हित कर सार्वजनिक सड़क घोषित किये जाने की कार्यवाही करें।

लोक निर्माण विभाग द्वारा ऐसी सड़कों को चिन्हित करते हुये उनकी सूची नगर निगम को उपलब्ध कराई गयी है जिन्हें सार्वजनिक सड़क घोषित किया जाना है।

नगर निगम द्वारा नियमों के अधीन चिन्हित सड़कों को सार्वजनिक सड़क घोषित करने की कार्यवाही की जा रही है।

सड़कों को सार्वजनिक सड़क घोषित करने के प्रावधान

  • सड़कों को सार्वजनिक सड़क घोषित करने से पूर्व नगर निगम द्वारा आमजनता से सड़क के एक भाग में नोटिस चिपकाकर आपत्ति मांगी जाती है। जिस हेतु एक माह का समय दिया जाता है।
  • किसी सड़क के सम्बन्ध में आपत्ति प्राप्त न होने की दशा में उस सड़क को सार्वजनिक सड़क घोषित किया जायेगा।
  • किसी सड़क के सम्बन्ध में आपत्ति प्राप्त होने की दशा में आपत्ति का निराकरण करने के उपरांत उस सड़क को सार्वजनिक सड़क घोषित करने की कार्यवाही की जायेगी।

 अब तक सार्वजनिक सड़क घोषित करने हेतु चिन्हित सड़कें

  • लोक निर्माण विभाग द्वारा अभी तक वार्ड सं0-77,82,83,86,87,88,89,91,92 एवं 93 में 208 निजी सड़कों की पहचान कर उनकी सूची नगर निगम को उपलब्ध करा दी गई है।
  • इन सभी सड़कों के सार्वजनिक होने से 35.56 किमी सड़कों का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जायेगा।

सड़कों के सार्वजनिक घोषित होने से लाभ

शहर में रिहायशी कालोनियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इन कालोनियों में कालोनाइजर्स द्वारा सड़के तो काटी जा रही है किन्तु उन सड़कों पर अधिकांश कालोनाइजर्स द्वारा विकास कार्य नहीं कराये जाने के कारण वह सड़के विकास रहित (जैसे कच्ची सड़क/स्ट्रीट लाईट रहित/सीवर रहित आदि) रह जाती हैं। सड़कों के सार्वजनिक घोषित नहीं हो पाने के कारण नगर निगम सहित अन्य सरकारी विभाग इन सड़कों में विकास कार्य कर पाने में असमर्थ होते हैं। जिससे सरकारी विभाग/नगर निगम को जनता के रोष का सामना करना पड़ता है।

सड़कों के सार्वजनिक घोषित होने के उपरांत इन स्थानों पर विकास कार्य करना सम्भव हो पाएगा जिससे जनता पक्की सड़क/स्ट्रीट लाइट आदि की सुविधा से लाभान्वित हो सकेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share