गौचर : ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के प्रभावितों ने अपनी माँगों को लेकर मंगलवार को बदरीनाथ हाईवे पर निर्माणदायी कंपनियों के वाहनों को रोककर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने 10 सूत्रीय मांगों पर कार्रवाई होने तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया।
रेलवे लाइन निर्माण से प्रभावित ग्रामीण रेलवे की निर्माणदायी कंपनियों में रोजगार दिए जानें , निर्माण कार्य में विस्फोटकों को रोकनें , विस्फोटों से दरके भवनो की क्षतिपूर्ति देने सहित दस सूत्रीय माँगों को लेकर आंदोलनरत हैं। आदोलनकारियों का कहना है कि रेलवे की निर्माणदायी कंपनी मेघा और डीबीएल (दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड) लगातार उनकी माँगों की अनदेखी की जा रही है। जिससे नाराज प्रभावितों ने मंगलवार को रेलवे प्रभावितों नें भट्टनगर-रानौं सड़क मार्ग के प्रवेश द्वार के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुबह से धरनास्थल पर एकत्रित होकर कार्यदायी कंपनियों के वाहनों की आवाजाही रोके रखी । इस दौरान वार्ता के लिए पहुँचे दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों से आंदोलनकारियों की माँगों पर कोई निर्णय नहीं हो सका ।
इधर मेघा कंपनी के एचआर सुनील सिंह नें कहा कि रेलवे प्रभावितों से बात की जा रही है और जो भी माँगे जायज होंगी उनका निराकरण कर लिया जाएगा । जबकि डीबीएल कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर शैलेंद्र सिंह बघेल का कहना है कि कंपनी द्वारा प्रभावितों की अधिकांश माँगों को पहले ही पूरा कर लिया गया है और यदि कुछ अन्य मुद्दे शेष हैं तो उन्हें भी सुलझा दिया जाएगा।
इस मौके पर रेलवे प्रभावित संघर्ष समिति के अध्यक्ष गजेंद्र नयाल, सभासद सुरेंद्र लाल, हरीश नयाल, प्रकाश रौथाण, उमेश शैली, मनोज नेगी, प्रकाश शैली, मनोज चौहान, नवीन टाकुली आदि मौजूद थे।