उत्तराखण्ड धार्मिक

विधि विधान से खुले हेमकुंड के कपाट

जोशीमठ (महादीप पंवार) : जिले के उच्च हिमालय में स्थिति में स्थित हेमकुंड साहिब के कपाट रविवार को जो बोले सों निहाल, सत श्री अकाल के जयकारों के साथ खोल दिये गए हैं। कपाट खुलने के मौके पर यँहा 3 हजार श्रद्धालुओं ने हेमकुंड गुरुद्वारे में मत्था टेका।

हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने की प्रक्रिया सुबह 9:30 बजे गुरुग्रंथ सहाब को सचखंड से पंच प्यारों की अगुवाई में और आर्मी के बैंड-बाजों की मधुर धुनों के साथ दरबार साहब में सुशोभित किया गया। सुबह 10 बजे से लेकर 11 बजकर 30 मिनट तक सुखमणि साहब का पाठ मुख्य ग्रंथि मिलाप सिंह की अगुवाई में हुआ। 11 बजकर 30 मिनट बजे से 12 बजे तक हुकुम सिंह के जत्थे ने शब्द ग्रहण किया। 12 बजे से 1 बजे तक धाम में साल की पहली अरदास दी गयी। 1 बजे हुक्मनामा लिया गया और उसके बाद मुख्य ग्रंथि द्वारा हेमकुंड साहब का इतिहास आयी हुई संगतों को बताया गया। इसी के साथ हेमकुंड साहिब के कपाट खोल दिये गए। सिखों के सभी पवित्र तीर्थों में से सबसे ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड के प्रति सिख श्रद्धालुओ की श्रद्धा कठिन चुनौतियों पर भी भारी पड़ती है। धाम में सिख श्रद्धालु पवित्र कुंड में डुबकी लगाकर मत्था टेकते है। पूर्व वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष 9 दिन पूर्व हेमकुंड साहिब के कपाट खोले गए है। जिससे श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। कोरोनकाल कि कारण 2 वर्ष धाम की यात्रा बाधित रही। जिसके बाद इस वर्ष बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं के धाम में पहुंचने की संभावना है। कल रात को धाम में ताजी 2 से 3 इंच तक बर्फबारी हुई है। जिसके बाद धाम में कड़ाके की ठंड पैड रही है। इस वर्ष सरकार द्वाराएक दिन में श्री हेमकुंड साहिब में 5000 श्रद्धालुओं की दर्शन करने की अनुमति है। आज कपाट खुलने के अवसर पर 3000 श्रद्धालु हेमकुंड धाम में मौजूद रहे है धाम में मत्था टेका।

हेमकुंड गुरुद्वारा के प्रबंधक सेवा सिंह का कहना है कि पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष बड़ी तादाद में श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंचने की संभवना है। उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों में पर्याप्त मात्रा में श्रद्धालु धाम में नहीं पहुंच पाए थे कहा कि इस वर्ष की यात्रा पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दे ऐसी संभावना है।

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