उत्तराखण्ड

43 दिनों में 1200 किमी पैदल चला पौराणिक रास्तों की खोज में निकला दल

ऋषिकेश पहुंचने पर यात्रा का समापन होगा

संवाददाता

चमोली, 07 दिसंबर।

चारधाम यात्रा के लिए पौराणिक पैदल मार्ग खोजने निकला ट्रेकिंग दल गोपेश्वर पहुंच गया है। उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) व ट्रेक द हिमालय का 25 सदस्यीय दल ने यह ट्रेकिंग 43 दिनों में पूरी की है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने दल के सभी सदस्यों को ट्रेकिंग पूरी करने पर बधाई देते हुए टीम के अनुभवों को भी जाना।

उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) ने ट्रेक द हिमालय के साथ मिलकर चारों धामों के पौराणिक मार्ग को पुर्नजीवित करने के उदेश्य से 25 अक्टूबर को ऋषिकेश से पैदल यात्रा शुरू की थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दल को रवाना किया था। उल्लेखनीय है कि दशकों पहले चारधाम यात्रा ऋषिकेश से पैदल मार्ग से ही होती थी। सड़क सुविधा न होने के कारण तीर्थ यात्री इसी रास्ते से गंगोत्री, यमुनोत्री केदारनाथ व बद्रीनाथ के दर्शन करने पहुंचते थे। उत्तराखंड में पर्यटन को बढावा देने के लिए ऋषिकेश से चारों धाम तक पुराने रास्ते की तलाश शुरू की गई है। ताकि सदियों पुरानी विरासत को संरक्षित रखा जा सके। इसके लिए एसडीआरएफ, पर्यटन, माउंटेनियरिंग के विशेषज्ञों की 25 सदस्यों की टीम को भेजा गया। दल ने पुरानी पगडंडियों से होते हुए पूरे रास्ते का अध्ययन कर वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी के साथ जानकारी एकत्रित कर ली है।

प्रोजेक्ट मैनेजर राकेश पंत ने बताया कि ऋषिकेश से पुरानी पगडंडियों से होते हुए यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की करीब 1200 किलोमीटर पैदल यात्रा 43 दिनों में पूरी करने के बाद ट्रेकिंग दल गोपेश्वर पहुंचा है। यहां से ऋषिकेश पहुंचने पर यात्रा का समापन होगा। ट्रेकिंग दल में सुधांशु तोमर, जसपाल पंवार, महेश चन्द्रा, नितेश खेतवाल, नरेन्द्र बिष्ट, नरेन्द्र उपराय, मुकेश नेगी, करन कक्कर, अभिषेक, विजयपाल, जसपाल रावत, संदीप, आयुष, बिल्लू नेगी आदि सदस्य शामिल है।

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