उत्तराखण्ड

एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज में समझीं आईएसओ की तकनीकी बारीकियां; 4 दिवसीय वर्कशाॅप में जुटे 50 से अधिक माइक्रोबायोलाॅजिस्ट, पैथोलाॅजिस्ट व बायोकैमिस्ट

  • वर्कशाप में शामिल प्रतिभागियों को सर्टिफाइड एनएबीएल आॅडिटर की मिली मान्यता

देहरादून। श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज एवम् श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के माइक्रोबायोलाॅजी विभाग की ओर से 4 दिवसीय वर्कशाप का आयोजन किया गया। वर्कशापॅ में देहरादून की विभिन्न लैबों के प्रतिनिधियों सहित 50 माइक्रोबायोलाॅजिस्ट, पैथोलाॅजिस्ट व बायोकैमिस्टों ने प्रतिभाग किया। विशेषज्ञ वक्ताओं ने वर्कशाप के माध्यम से लैब में जाॅचों की गुणवत्ता को रेखांकित करते हुए लैब संचालन में अन्तर्राष्ट्रीय मानक व माॅडल के बिन्दुओं को सांझा किया।

श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल एवम् सीक्वाल के सहयोग से आयोजित चार दिवसीय वर्कशाप का शनिवार को शुभारंभ डाॅ सुलेखा नौटियाल, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबाॅयोलाॅजी विभाग, श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज़ एवम् डाॅ डिम्पल रैना, लैब डायरेक्टर, सैंट्रल लैब, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने संयुक्त रूप से किया।

मुख्य वक्ता डाॅ निलीमा वर्मा, प्रबन्ध निदेशक, कंटीन्यूअस क्वालिटी एश्योरेंस लर्निंग इंस्टीट्यूट ( सीक्वाल) नई दिल्ली ने चार दिवसीय वर्कशाॅप (8 जुलाई से 11 जुलाई) लैब की गुणवत्ता से जुड़े विभिन्न बिन्दुआं पर व्याख्यान दिया। उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आई.एस.ओ.) द्वारा एनएबीएल सर्टिफाइड लैबों के लिए निर्धारित गाइडलाइनों की जानकारी दी।

उन्होंने जानकारी दी कि आई.एस.ओ. का वर्ष 2012 से संचालित डाॅक्यूमेंट वर्ष 2022 मंे अपडेट हो गया है। इस नए वर्जन की जानकारियों को लैब संचालकों व टैक्नीशियनों के मध्य सांझा किया गया। उन्होंने कहा कि लैब की रिपोर्ट अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होनी चाहिए, लैब में स्टैंण्डर्ड मशीनें, स्टैंडर्ड रिएजेंटस होने चाहिए व लैब के संचालन हेतु कुशल लैब टैक्नीशियन व क्वालिफाइड डाॅक्टरों की टीम होनी चाहिए।

वर्कशाप की आयोजन सचिव डाॅ डिंपल रैना ने जानकारी दी कि वर्ष 2014 से श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की सेंट्रल लैब एनएबीएल मान्यता प्राप्त लैब है। चार दिवसीय वर्कशाॅप के दौरान विशेषज्ञों ने प्रैक्टीकल डैमन्स्ट्रेशन, ग्रुप एक्टीविटी, माॅक आॅडिट, लाइव कोर्सज डाॅक्टरों व लैब टैक्नीशियनों को दिए गए। चार दिवसीय वर्कशाप में शामिल प्रतिभागी अब सर्टिफाइड एनएबीएल आॅडिटर बन गए हैं। वर्कशाॅप के दौरान डाॅ गुंजन सिंघल ने भी व्याख्यान दिया। वर्कशाप को सफल बनाने में डाॅ सुलेखा नौटियाल, डाॅ डिंपल रैना, डाॅ संजय कौशिक का विशेष सहयोग रहा।

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