उत्तराखण्ड

विधानसभा में मंत्री के आश्वासन के बाद भी फाइलों में बंद पशु चिकित्सालय पीपलकोटी

चमोली: जिल के पीपलकोटी क्षेत्र में पशु चिकित्सालय न होने से 50 से अधिक गांवों के ग्रामीणों को मवेशियों के उपचार के लिये खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। वहीं सरकारी मशीनरी की कार्य प्रणाली का आलम यह है कि विधानसभा सत्र के दौरान उठे सवाल के जवाब में पशु पालन मंत्री की सहमति के बाद भी पशु चिकित्सालय फाइलों से बंद पड़ा हुआ है।
बंड क्षेत्र में 50 से अधिक गांवों के सैकड़ों पशुपालकों की ओर से वर्ष 2005 से लगातार पीपलकोटी में पशु चिकित्सालय की स्थापना की मांग की जा रही है। लेकिन वर्तमान तक यहां पशु चिकित्सालय की स्थापना नहीं हो सकी है। ऐसे में ग्रामीणों को मवेशियों के लिए दवाइयां, पशुओं का बीमा, मेडिकल सार्टिफिकेट सहित विभागीय योजनाओं के लाभ के लिये चमोली की दौड़ लगानी पड़ रही है। स्थानीय पशु पालकों की समस्या को देखते हुए पूर्व बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट ने वर्ष 2019 में मामले को विधानसभा सत्र के दौरान उठाया था। जिस पर पशु पालन मंत्री ने शीघ्र पशु चिकित्सालय खोले जाने की कार्रवाई की बात कही थी। लेकिन वर्तमान तक पशु चिकित्सालय पीपलकोटी फाइलों से बाहर नहीं निकल सका है।


पीपलकोटी में पशु चिकित्सालय की स्थापना का प्रस्ताव निदेशालय से शासन को स्वीकृति के लिये भेजा गया है। शासन से स्वीकृति मिलते ही पीपलकोटी क्षेत्र में पशुपालन चिकित्सालय की स्थापना की जाएगी।
डाॅ. प्रलयंकर नाथ, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, चमोली।


 

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