अंतर्राष्ट्रीय

राष्ट्र की संस्कृति के माली होते हैं शिक्षक: कासमी

पिरान कलियर। उत्तराखण्ड मदरसा शिक्षा बोर्ड के चैयरमेन मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र की संस्कृति के माली होते हैं। वे संस्कारों की जड़ों में खाद देते हैं और अपने श्रम से सींचकर उन्हें शक्ति में निर्मित करते हैं।
मुफ्ती शमून कासमी आज शैफील्ड स्कूल में अ.भा. शैक्षिक विमर्श एवं शिक्षक सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। पदमश्री डॉ.बी.के.एस संजय ने कहा कि किसी राष्ट्र के वास्तविक निर्माता उस देश के शिक्षक होते हैं। विकसित, समृद्ध और खुशहाल देश व विश्व के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है।
इस मौके पर ग्रीन स्कूल के फाउंडर वीरेन्द्र रावत ने कहा कि आज कोई भी बालक 2-3 वर्ष की अवस्था में विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आता है। इस बचपन की अवस्था में बालक का मन-मस्तिष्क एक कोरे कागज के समान होता है। इस कोरे कागज रूपी मन-मस्तिष्क में विद्यालयों के शिक्षकों के द्वारा शिक्षा के माध्यम से शुरूआत के 5-6 वर्षो में दिये गये संस्कार एवं गुण उनके सम्पूर्ण जीवन को सुन्दर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।


उन्होंने कहा कि समाज के वास्तविक शिल्पकार शिक्षक ही होते है। उन्होंने ग्रीन टीचर्स कांसैप्ट के बारे में भी जानकारी दी। ग्लोकल यूनिवर्सिटी सहारनपुर के प्रति कुलपति प्रो. डॉ पंकज कुमार मिश्रा ने कहा कि एक अच्छा शिल्पकार किसी भी प्रकार के पत्थर को तराश कर उसे सुन्दर आकृति का रूप दे देता है। किसी भी सुन्दर मूर्ति को तराशने में शिल्पकार की बहुत बड़ी भूमिका होती है।

कहा कि इसी प्रकार एक अच्छा कुम्हार वही होता है जो गीली मिट्टी को सही आकार प्रदान कर उसे समाज के लिए उपयोगी बर्तन अथवा एक सुन्दर मूर्ति का रूप दे देता है। यदि शिल्पकार तथा कुम्हार द्वारा तैयार की गयी मूर्ति एवं बर्तन सुन्दर नहीं है तो वह जिस स्थान पर रखे जायेंगे उस स्थान को और अधिक विकृत स्वरूप ही प्रदान करेंगे।

कहा कि शिल्पकार एवं कुम्हार की भाँति ही स्कूलों एवं उसके शिक्षकों का यह प्रथम दायित्व एवं कर्त्तव्य है कि वह अपने यहाँ अध्ययनरत् सभी बच्चों को इस प्रकार से संवारे और सजाये कि उनके द्वारा शिक्षित किये गये सभी बच्चे ‘विश्व का प्रकाश’ बनकर सारे विश्व को अपनी रोशनी से प्रकाशित कर सकें।

109 शिक्षकों को सम्मानित किया 

देश के अलग अलग राज्यों से आए नवाचारी शिक्षकों,शिक्षा के क्षेत्र में अपने अनुभवों और विशिष्ट क्रियाकलापों से अपनी कक्षाओं में बच्चों के साथ विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों को रोचक और संदर्भ युक्त तथ्यात्मक तरीके से सीखने-सिखाने मुहिम चला रहे शिक्षकों को नई शिक्षा नीति 2020 के आलोक में टीचर्स आइकॉन अवार्ड  और शिक्षा श्री अवार्ड हेतु चयनित शिक्षकों को अवार्ड प्रदान किए गए।

इस अवसर पर उदघोष के मंच से निविधा:शिक्षा का इंद्रधनुष आईएसबीएन नंबर युक्त पुस्तक का भी विमोचन हुआ। जिसमे उक्त श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों के आलेख और कार्यानुभव प्रकाशित किए गए हैं। इस अवसर पर अन्य साहित्यकार शिक्षको की तीन पुस्तकों का भी विमोचन अतिथियों द्वारा गया। कार्यक्रम का सफल संचालन संयोजक संजय वत्स और अर्चना पांडे द्वारा संयुक्त रूप से किया।

कार्यक्रम में संदीप शर्मा, सजय शर्मा, नितिन शर्मा,आलोक शर्मा, अमन शर्मा,अनुभव गुप्ता, मु 0इकराम केके शर्मा,अनु सिंघल,मुकेश शर्मा, मु हनीफ, पंकज,सुनील शर्मा,मुंतजीर,राहुल विश्नोई ,रुचि रावत शेफील्ड स्कूल , रिहान,बुशरा,कादिर आदि ने सहयोग प्रदान किया!

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