धार्मिक

भोलेनाथ का रुद्राभिषेक कर मनाया महाशिवरात्रि पर्व

देहरादून, 01 मार्च।
हनुमत सेवा समिति द्वारा महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर घंटाघर स्थित प्राचीन हनुमान व शिव मंदिर मे शिवलिंग पर समिति के संरक्षक उदय शंकर भट्ट जी के नेतृत्व में मंत्रोच्चारण के साथ रुद्राभिषेक कर महाशिवरात्रि के पर्व को खीर प्रसाद वितरित कर मनाया।
पंडित उदय शंकर भट्ट ने बताया महाशिवरात्रि को लेकर भगवान शिव से जुड़ी कुछ मान्यताएं प्रचलित हैं। ऐसा माना जाता है कि इस विशेष दिन ही ब्रम्हा के रूद्र रूप में मध्यरात्री को  भगवान शंकर का अवतरण हुआ था। वहीं यह भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने तांडव कर अपना तीसरा नेत्र खोला था और ब्रम्हांड को इस नेत्र की ज्वाला से समाप्त किया था। इसके अलावा कई स्थानों पर इस दिन को भगवान शिव के विवाह से भी जोड़ा जाता है और यह माना जाता है कि इसी पावन दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था।
इस मौके पर हनुमत सेवा समिति के संरक्षक पंडित उदय शंकर भट्ट ने कहा वैसे तो प्रत्येक माह में एक शिवरात्रि होती है।  परंतु फाल्गुन माह की कृष्ण चतुर्दशी को आने वाली इस शिवरात्रि का अत्यंत महत्व है। इसलिए इसे महाशिवरात्रि कहा जाता है। वास्तव में महाशिवरात्रि भगवान भोलेनाथ की आराधना का ही पर्व है। जब धर्मप्रेमी लोग महादेव का विधि.विधान के साथ पूजन अर्चना करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस दिन शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। जो शिव के दर्शन.पूजन कर खुद को सौभाग्यशाली मानती है। उन्होने कहा कि महाशिवरात्री के दिन शिव जी का विभिन्न पवित्र वस्तुओं से पूजन एवं अभिषेक किया जाता है और बिल्वपत्र, धतूरा, अबीर, गुलाल, बेर, उम्बी आदि  अर्पित किया जाता है। भगवान शिव को भांग बेहद प्रिय है अत: कई लोग उन्हें भांग भी चढ़ाते हैं। दिनभर उपवास रखकर पूजन करने के बाद शाम के समय फलाहार किया जाता है। इससे सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है। इस पावन पर्व पर हनुमत सेवा समिति की ओर से मखाने की खीर प्रसाद वितरित किया गया इस भव्य कार्यक्रम में हनुमत सेवा समिति के अध्यक्ष संदीप वाधवा कोषाध्यक्ष विजय गुप्ता कार्य व्यवस्था प्रमुख मनोज जुनेजा, समिति सदस्य सुरेश गुप्ता, बिट्टू वाधवा, मनोज तोमर, गौतम सलूजा, साहिल अहूजा,बजरंग दल प्रांत साप्ताहिक मिलन प्रमुख विकास वर्मा, महेश कुमार , भरत आहूजा संजय शर्मा सौरभ गुप्ता व अन्य उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share