उत्तराखण्ड

बेस अस्पताल में एफेरेसिस यूनिट की स्थापना, जम्बो पैक की सुविधा मिलेगी

डेंगू के मरीज को प्लेट्लेट्स की नहीं होगी दिक्कत

श्रीनगर। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के बेस चिकित्सालय के ब्लड बैंक में एफेरेसिस यूनिट स्थापित की गई है। अत्याधुनिक मशीन की मदद से मरीज की जरूरत के हिसाब से डोनर के ब्लड से प्लाज्मा, आरबीसी और प्लेट्लेट्स निकाला जा सकता है। इस मशीन से प्लेट्लेट्स के जंबो पैक तैयार करने के लिए होगा, जिससे डेंगू मरीजों, एनमिक गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को लाभ मिलेगा। प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री माननीय डॉ.धन सिंह रावत की पहल पर बेस चिकित्सालय के ब्लड सेंटर में ऐफेरेशिस मशीन की स्थापना की गई, जिससे डेंगू समेत अन्य बीमारियों के मरीजों को लाभ मिलेगा।

विदित हो कि पहले जंबो पैक के लिए मरीजों के तीमारदारों को काफी भटकना पड़ता है। डेंगू के सीजन में इसके लिए मारामारी होती है। डेंगू मरीजों एवं एनीमिक गर्भवती महिलाओं को जंबो पैक चढ़ाने से एक बार में 50 से 70 हजार तक प्लेटलेट्स बढ़ जाती हैं। निजी अस्पतालों के ब्लड बैंकों से जंबो पैक की कीमत काफी ज्यादा हजारों में होती है, किंतु बेस अस्पताल के ब्लड बैंक सेंटर में एफेरेसिस यूनिट स्थापित होने से मरीजों को लाभ मिलेगा।

एफेरेसिस मशीन से सिंगल डोनर प्लेट्लेट्स (एसडीपी) मरीज की जरूरत के हिसाब से प्लेटलेट्स निकाली जा सकेंगी। पहले दिन बेस अस्पताल में एक डोनर के ब्लड से प्लेट्लेट्स अलग किया जाता है। प्लेटलेट्स देने वाले व्यक्ति के शरीर में 72 घंटे में रिकवरी हो जाती है। प्लेट्लेट्स निकालने में  एक घंटा का लगता है। बेस अस्पताल में मशीन स्थापित होने पर प्रशिक्षक अनुज चॉवला द्वारा ब्लड सेंटर के सभी कर्मचारियों को एफेरेसिस मशीन का प्रशिक्षण दिया गया।

बेस अस्पताल के ब्लड सेंटर के प्रभारी डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि एफेरेसिस मशीन से सिंगल डोनर प्लेट्लेट्स (एसडीपी) मरीज की जरूरत के हिसाब से प्लेटलेट्स निकाली जा सकेंगी। प्लेटलेट्स देने वाले व्यक्ति के शरीर में 72 घंटे में रिकवरी हो जाती है। प्लेट्लेट्स निकालने में करीब एक घंटे लगता है। गुरुवार को संयुक्त चिकित्सालय के भर्ती डेंगू पीड़ित एक मरीज को एसडीपी चढ़ाई गई।

कहा कि उक्त मशीन आने से बेस अस्पताल में आसानी से एसडीपी का कार्य सुचारू हो जायेगा और डेंगू समेत अन्य बीमारी से पीड़ित जरूरतमंद को समय पर प्लेट्लेट्स की सुविधा मिल पायेगी। इस मौके पर ब्लड सेंटर की प्रोफेसर (डॉ.) दीपा हटवाल, प्रदीप रावत, अमित कांत, चैतन्य किशोर, हरीश भारद्वाज, अनूप सती, पंकज जोशी, भावना, देवेन्द्र प्रसाद लखेड़ा आदि मौजूद थे।

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