उत्तराखण्ड

रेशम फसल के लिए किसानों को नई तकनीक के बारे में किया जायेगा जागरूक: डा धन सिंह

पांच दिवसीय सिल्क प्रदर्शनी के समापन पर सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत का आश्वासन

देहरादून। सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा है कि रेशम एक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फसल है जो अपार संभावनाएं प्रदान करती है। इसलिए उत्तराखंड सरकार रेशम के किसानों को प्रोत्साहित कर रही है और उन्हें सही समर्थन मूल्य प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम बड़ी मात्रा में किसानों को प्रशिक्षण देगा और उन्हें रेशम फसल के सम्बन्ध में नवीनतम तकनीकों के बारे में जागरूक करेगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य है 1 लाख किसानों को रेशम की खेती में जोड़ना है।

सहकारिता मंत्री डॉ रावत रविवार शाम को देहरादून में चल रहे पांच दिवसीय सिल्क प्रदर्शनी के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में रेशम किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि, अगले साल और अच्छा रेशम एक्सपो देहरादून में किया जाएगा, केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल से इसके लिए वार्ता की जाएगी। उन्होंने कहा यह बहुत अच्छी बात है कि, रेशम फेडरेशन ने पिछले वर्ष की तुलना में अधिक लाभ दिया है।

उन्होंने कहा पहले रेशम के बहुत फार्म हुए थे, वे कम होते चले गए, लेकिन वर्तमान सरकार रेशम पर महत्वपूर्ण काम कर रही है। रेशम फेडरेशन को समय समय पर सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग ने 10 लाख किसानों को 0% ब्याज पर 6 हज़ार करोड़ रुपये का ऋण दिया है। किसानों की आय दोगुनी हो गई है। रेशम के किसानों के लिए सरकार समर्पित है। राज्य में 1 लाख किसानों को रेशम से जोड़ा जाएगा। इससे 25,000 परिवारों की आय दोगुनी हो जाएगी।उन्होंने कहा कि किसी भी व्यापार में कृषकों को धीरे-धीरे मालिक बनने की आदत डालनी होगी। हमारी सरकार रेशम के किसानों के लिए विकासमुखी योजनाएँ ला रही है।

अध्यक्ष रेशम फेडरेशन चौधरी अजीत सिंह ने कहा कि, 5000 रेशम कपड़ा बनाता था, अब 3 करोड़ का बना रहा है। 100% खोए का किसानों को नकद राशि देते हैं। राज्य में क्रय सेंटर भी बढ़ाएंगे। 1000 साड़ियां सेलाकुई में बनाने जा रही हैं। उन्होंने कहा मंत्री ने 2.5 करोड़ रुपये की जमीन के लिए दिए थे। 150 हथकरघा राज्य में बांटी गई हैं। इसमें 90 को प्रशिक्षित कर दिया गया है। 150 करोड़ हथकरघा 150 लाख मीटर सिल्क कपड़ देंगे।

एमडी रेशम फेडरेशन आनंद शुक्ल ने कहा कि, इस सिल्क प्रदर्शनी में 3500 लोग आए हैं। 5 दिनों में 2 करोड़ की सेल हुई है। 2025 तक 5 करोड़ का लक्ष्य है। आने वाले वर्षों में बढ़ाएंगे। देहरादून में एक निकट भविष्य में सिल्क का बड़ा एक्सपो कार्यक्रम करेंगे। उन्होंने कहा कि, देहरादून में सिल्क का उत्पादन और खरीदारी है।

केन्द्रीय रेशम बोर्ड के अधिकारी दशरथी बेहरा ने कहा कि, सिल्क के ऊपर देहरादून वासियों का भाव है। शुद्ध सिल्क की डिमांड रहती है। उन्होंने कहा 42 मैट्रिक टन प्रोडक्शन है। 50 मैट्रिक टन हो जाएगा। सिल्क समग्र स्किम चला रहे हैं केंद्र , कोई भी यूनिट लगा सकता है। 90 % केंद्र सरकार और राज्य सरकार करेगी। 10 % स्वयं लगानी पड़ेगी। उन्होंने कहा 50 करोड़ रुपये का सिल्क शादी में बिक जाता है।

मंत्री डॉ रावत ने रेशम बुनाई कार्य को अंगीकृत कर, गुणवत्ता युक्त रेशमी एवं मिश्रित उत्पादों हेतु प्रशिक्षण प्राप्त कर व्यावसायिक उत्पादन प्रारम्भ करने वाले रेशम किसान बीना रतूड़ी, सुमन धमाना, राज लक्ष्मी गौरी, मंजू रानी, अंकित कश्यप, दीपा, मीरा, सलोनी भट्ट, बिमला देवी, पूजा और दिलशाद उत्तराखण्ड को-ऑपरेटिव रेशम फेडरेशन के प्रशस्ति देकर सम्मानित किया।

इंटरनेशनल भण्डार महाराष्ट्र, कविता साड़ी पश्चिम बंगाल, जयति हस्तकला प्रा. लि. बनारस, हेमन्त हेंण्डलूम चाम्पा छत्तीसगढ़, खाडी शिल्क दिल्ही, गोल्डन शिल्क उत्पादन बनारस, चन्दरी सिल्क बनारस, सुमाया टेकस्टाइल बनारस, रियल सिल्क बनारस, शहीदा साड़ी बनारस, केंद्रीय रेशम बोर्ड दिल्ली को भी प्रशस्ति पत्र देकर सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने सम्मानित किया।

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