उत्तराखण्ड

गढ़वाली साझा काव्य संग्रह फुलारी का हुआ विमोचन

चमोली : कलम क्रांति साहित्यिक मंच की ओर से आयोजित कार्यक्रम में गढ़वाली काव्य संग्रह का विमोचन किया गया। संग्रह में 43 रचनाकारों की रचनाओं का संकलन किया गया है। पुस्तक का सम्पादन मंच की संयोजक शशि देवली ने किया है।

गोपेश्वर के जिला पंचायत सभागार में कार्यक्रम का शुभारंभ सुप्रसिद्ध रंगकर्मी लोकसंस्कृति मर्मज्ञ और अडजंक्ट प्रोफेसर गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर प्रो. डीआर पुरोहित ने किया। इस दौरान साहित्यकार स्व. शिवराज सिंह रावत ‘निसंग’ की प्रतिमा का माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। मंच की ओर से काव्य संग्रह साहित्यकार स्व. शिवराज सिंह रावत ‘निसंग’ को समर्पित किया गया है। प्रो. डी. आर पुरोहित ने रचनाकारों को फुलरी पुस्तक के प्रकाशन की बधाई देते हुए कहा कि साहित्य सृजन में भाषा का ज्ञान और शब्दों को पिरोने की कला महत्वपूर्ण है। जो कि उन्हें इस पुस्तक में देखने को मिला। इस अवसर पर उन्होंने कुछ प्रचलित औंखाणे सुनाकर सबको खूब हंसाया। डॉ बी पी पुरोहित ने कार्यक्रम में साहित्यकार निसंग जी के साहित्य सृजन यात्रा के विषय में जानकारी दी। पुस्तक की समीक्षा करते हुए वरिष्ठ कवयित्री व शिक्षिका श्रीमती राधा मैंदुली ने कहा कि पुस्तक में शब्द विन्यास के साथ ही गढ़वाली भाषा के शब्दों की कलात्मक प्रस्तुति की गई है। जो नई पीढ़ी को अपनी मातृभाषा से जोड़ने का बेहतर प्रयास है। कार्यक्रम के दौरान सभी रचनाकारों के साथ ही, बद्रीनाथ से कन्याकुमारी तक साइकिल यात्रा कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाले सोमेश पंवार को भी सम्मानित किया गया।

इस मौके पर प्रयास संस्था के मंगला कोठियाल, पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष कर्नल डी एस बर्त्वाल, पूर्व प्रमुख नन्दन बिष्ट, अक्षत नाट्य संस्था के संस्थापक विजय वशिष्ठ, हिमांशु थपलियाल, दीपक सती, अनिशा आदि मौजूद थे।

 

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