रुद्रप्रयाग। गौरीकुंड में भूस्खलन से होने से मलबे में तीन बच्चे दब गये। जिनमें से दो की मौत हो गयी जबकि एक बच्ची घायल है। घायल बच्ची का गौरीकुंड के अस्पताल में ईलाज किया जा रहा है।
विगत सप्ताह ही गौरीकुंड में जबरदस्त भूस्खलन हुआ था जिसमें 23 लोग लापता हो गये थे। अब एक बार फिर भूस्खलन की घटना ने केदारघाटी को हिला कर रख दिया है। जानकारी के अनुसार हेलीपैड के पास गौरी गांव में नेपाली मूल का एक परिवार रहता है। यहां आज सुबह पांच बजे के समय भूस्खलन के कारण अचानक भारी मलबा आने से घर में सो रहे तीन बच्चे मलबे की चपेट में आ गये। जबकि उनकी मां जानकी इस हादसे में बाल-बाल बच गयी।
आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि सूचना मिलने पर एसडीआरएफ, एनडीआरफ और पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से तीनों बच्चों को मलबे से बाहर निकाला। इन तीनों बच्चों को गौरीकुंड हॉस्पिटल में उपचार के लिए ले जाया गया जहां पिंकी (5) और एक छोटे बच्चे को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। जबकि 8 वर्षीय स्वीटी घायल है। जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। बच्चों का पिता सत्यराज अपने गांव नेपाल गया हुआ है।
बता दें कि बीते गुरुवार को भी गौरीकुंड में एक बड़ा हादसा हुआ था। यहां भूस्खलन होने से 23 लोग लापता हो गए थे। जिनमें से तीन के शव तो बरामद कर लिए गए थे लेकिन 20 लोगों का अब तक कुछ भी पता नहीं चल पाया है। एनडीआरफ, एसडीआरएफ, आइटीबीपी, डीडीआरएफ, वाईएमएफ, स्थानीय पुलिस, फायर सर्विस और जिला प्रशासन की टीमें सर्च अभियान में जुटी हुई है।
केदारनाथ में बारिश होते ही मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से बहाव तेज हो रहा है जिस वजह से खोजबीन अभियान भी प्रभावित हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ पौड़ी और टिहरी जनपद की पुलिस भी श्रीनगर से देवप्रयाग तक कई जगह पर अलकनंदा नदी में लापता लोगों की खोजबीन के लिए विशेष अभियान चला रही है।