कुल 345 बच्चे, 330 पुरूष व 397 महिलाओं को किया बरामद
देहरादून, 4 जनवरी।
पुलिस मुख्यालय में आज dgp अशोक कुमार की अध्यक्षता आपरेशन स्माईल की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें 15 सितंबर से 15 दिसंबर तक चलाये गए अभियान की समीक्षा की गई।
इस अभियान में गुमशुदा बच्चों के साथ-साथ गुमशुदा पुरूषों व महिलाओं को भी तलाश किया गया।
dig अपराध एवं कानून व्यवस्था, पी रेणुका देवी द्वारा जानकारी दी गई कि आपरेशन स्माइल अभियान के तहत जनपद देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल में 01 टीम एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट सहित चार टीम, अन्य शेष जनपदों में 01-01 (एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) टीम का गठन किया गया । रेलवेज में भी एक टीम का गठन किया गया। प्रत्येक टीम में उपनिरीक्षक-1, आरक्षी-4 तथा गुमशुदा/बरामद बच्चों व महिलाओं से पूछताछ हेतु एक महिला पुलिस कर्मी को भी अनिवार्य रूप से नियुक्त किया गया। तलाशी टीमों के अतिरिक्त प्रत्येक टीमों की सहायता हेतु 01-01 विधिक (अभियोजन अधिकारी) एवं टेक्निकल टीम (डीसीआरबी) का भी गठन किया गया।
अभियान में अन्य सम्बन्धित विभागों/संस्थाओं का भी सहयोग अवश्य लिया गया। जनपद के ऐसे स्थान जहां गुमशुदाओं के मिलने की सम्भावना अधिक है, जैसे शेल्टर होम्स/ढाबे/कारखाने/बस अड्डे/रेलवे स्टेशन/धार्मिक स्थानों/आश्रमों आदि में विशेष अभियान को चलाया गया। गुमशुदाओं का मिलान प्रदेश/सीमावर्ती राज्यों में बरामद लावारिस शवों से भी किया गया।
पुलिस उपाधीक्षक, अपराध द्वारा अभियान के सम्बन्ध में प्रजेन्टेशन के माध्यम से अवगत कराया गया कि अभियान में कुल 345 बच्चे (बालक 196, बालिका 149), 330 पुरूष व 397 महिलाओं (कुल 1072 गुमशुदा) को बरामद किया गया, जिनमें से 1053 गुमशुदाओं को परिजनों के सुपुर्द किया गया। बरामद 1072 गुमशुदाओं में 791 पंजीकृत (उत्तराखण्ड-776, अन्य राज्य-15) एवं 281 अपंजीकृत (उत्तराखण्ड-121, अन्य राज्य-160) हैं। जनपद ऊधमसिंहनगर द्वारा सर्वाधिक 275 गुमशुदाओं को बरामद किया गया तथा जनपद पौड़ी की एएचटीयू टीम द्वारा सर्वाधिक 92 गुमशुदाओं को बरामद किया गया।
गोष्ठी के दौरान अभियान में सम्मिलित पुलिसकर्मियों उनि कृपाल सिंह, जनपद पौड़ी गढ़वाल, उनि जनार्दन भट्ट, जनपद ऊधमसिंहनगर, उनि देवेन्द्र थपलियाल, जीआरपी, देहरादून, का. मनोज शर्मा, एएचटीयू, टिहरी गढ़वाल द्वारार अभियान के अनुभवों को साझा किया गया। अभियान में बरामद गुमशुदाओं के परिजनों द्वारा ऑपरेशन स्माइल के सम्बन्ध में अपने अनुभव साझा करते हुए उत्तराखण्ड पुलिस का धन्यवाद किया गया।
गोष्ठी के अन्त में dgp अशोक कुमार ने बताया कि इस अभियान में गुमशुदा बच्चों को बालगृह में जाकर उनके आधार कार्ड से मिलान करके ढूंढने का प्रयास किया गया, जिसमें काफी सफलता मिली। गुमशुदाओं को तलाश करने हेतु सभी बालगृह, आश्रम व अन्य संस्थाओं में जहां इस प्रकार के बच्चे, महिला व पुरूष रह रहे हैं, उन्हें आधार कार्ड के माध्यम से तलाश करने का प्रयास किया जायेगा। मानव तस्करी में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही की जायेगी। यह भी कहा गया कि उत्कृष्ट कार्य करने वाली टीमों को नगद पुरस्कार व उत्कृष्ट कार्य करने वाली तीन टीमों को मेडल प्रदान किया जायेगा।
समीक्षा गोष्ठी में पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था डा. वी.मुरूगेशन, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था पी. रेणुका देवी, पुलिस अधीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था प्रमोद कुमार, पुलिस उपाधीक्षक, अपराध, समस्त नोडल अधिकारी व समस्त टीम प्रभारी उपस्थित रहे । समीक्षा गोष्ठी का संचालन जया बलोनी, पुलिस महानिदेशक के सहायक द्वारा किया गया।