उत्तराखण्ड शिक्षा

प्रतिभा नहीं होती सुविधा की मोहताज : वांण की प्रिया ने किया साबित

  • प्रिया बिष्ट ने रोज 4 किमी पैदल दूरी नाप बोर्ड परीक्षा में हासिल किये 79.4 फीसदी अंक।

देवाल : प्रतिभा सुविधा की मोहताज नहीं होती, ये साबित कर दिखाया है। चमोली जिले के दूरस्थ गांव वांण की प्रिया बिष्ट ने 10वीं की परीक्षा में 79.4 फीसदी अंक प्राप्त कर साबित कर दिया है। सरसरी निगाह में ये बात सबको हल्की लग सकती है। लेकिन सरकारी शिक्षा के ढांचे और पहाड़ों में पढ़ाई के लिये छात्रों का संघर्ष देखकर यह उपलब्धि प्रिया और उस जैसे बहुत से बच्चों जो प्रतिदिन पढ़ाई के लिये 4 से 5 किमी की दौड़ लगते हैं खास बनाती है।

बोर्ड परीक्षा में जँहा वाण गांव की प्रिया बिष्ट ने कक्षा 10 वीं की परीक्षा में 79.4 फीसदी अंक हासिल करके पूरे विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। जबकि लक्ष्मण सिंह नें 71.8 फीसदी अंक हासिल कर द्वितीय स्थान प्राप्त किया वहीं 12 वीं में लखपत सिंह नें 70.8 फीसदी अंक प्राप्त कर पहला स्थान और सीता नें 66.4 फीसदी अंक हासिल कर दूसरा स्थान प्राप्त किया। राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य गजेन्द्र अग्निहोत्री नें बताया की विद्यालय का 12 वीं का परीक्षा परिणाम सौ फीसदी रहा। 12 वीं में कुल 31 छात्र छात्रायें नें परीक्षा दी जिसमें से 5 को प्रथम स्थान , 16 को द्वितीय स्थान और 10 को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ वहीं 10 वीं का परीक्षा परिणाम 90 फीसदी रहा। जिसमें 10 प्रथम स्थान, 14 द्वितीय स्थान, 2 तृतीय स्थान और 3 अनुत्तीर्ण रहे। कुमारी प्रिया नें सर्वाधिक 79.4 फीसदी अंक हासिल कर विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों और शिक्षकों की कमी के बाबजूद छात्र छात्राओं नें बेहतर प्रदर्शन किया है। वहीं अभिभावक संघ के अध्यक्ष हीरा सिंह पहाडी नें परीक्षा में उत्तीर्ण सभी छात्र छात्राओं को बधाई दी और विद्यालय के सभी शिक्षकों को भी बधाई देते हुए कहा की शिक्षकों की कमी के बाबजूद विद्यालय के शिक्षकों ने शत प्रतिशत अध्यापन का कार्य किया। उन्होंने कहा कि विद्यालय में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा गया है ताकि अतीशीघ्र विद्यालय में शिक्षकों की कमी दूर हो सके। विद्यालय के उप प्रधानाचार्य राजेन्द्र सिंह रावत, शिक्षक सुरेन्द्र दानू, सतेन्द्र मिश्रा, बलवीर राम, राजेन्द्र महर, शिक्षिका पल्लवी नें सभी छात्र छात्राओं को बधाई दी।

 

कँहा है वांण गांव

वाण गांव सीमांत जनपद चमोली के देवाल ब्लाॅक का सबसे दूरस्थ गांव है जो हिमालय का अंतिम बसागत गांव है। साढे आठ हजार फिट की ऊचाई पर स्थित इस गांव से आगे केवल बुग्याल और बर्फ से ढके पहाड़ नजर आते हैं। यह गांव तीन महीने बर्फ से ढका रहता है। हिमालयी महाकुंभ मां नंदा देवी राजजात यात्रा का अंतिम गांव और लाटू देवता की थाती है ये गांव।

 

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